तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 07 -- केरल में 12 से 19 वर्ष की आयु का हर पाँच में से एक छात्र मानसिक तनाव से पीड़ित है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. नरेश पुरोहित के एक हालिया अध्ययन में यह बात उभर कर सामने आयी है।
कोझिकोड स्थित मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान द्वारा मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों पर आयोजित एक वेबिनार में डॉ. पुरोहित ने राज्य में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिये जाने की बात कही है।
डॉ. पुरोहित ने "केरल में व्याप्त मानसिक बीमारी" शीर्षक के अपने अध्ययन में बताया कि 10.5 प्रतिशत छात्र कम स्तर के तनाव, 5.4 प्रतिशत मध्यम और 5 प्रतिशत गंभीर मनोवैज्ञानिक तनाव से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े स्पष्ट रूप से केरल में एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य संकट का संकेत देते हैं।"डॉ. पुरोहित ने केरल राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पाँच जिलों में किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि राज्य की 12.43 प्रतिशत आबादी अर्थात हर आठ में से एक व्यक्ति, को मनोचिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है।
अध्ययन में यह भी पता चला कि 15-20 प्रतिशत लोग, खासकर शहरी इलाकों में, किसी न किसी प्रकार की मानसिक परेशानी, खासकर अवसाद से जूझ रहे हैं।
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