कोच्चि , नवंबर 07 -- केरल साइबर पुलिस ने एर्नाकुलम के एक वरिष्ठ नागरिक और डॉक्टर को जाल में फंसाकर अंतरित कराये गए 1.30 करोड़ रुपये में से 1.06 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक बरामद कर लिये हैं।
सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि यह घटना तब सामने आई जब धोखेबाजों के एक समूह ने डॉक्टर से संपर्क किया और झूठा दावा किया कि उनके मोबाइल नंबर का दुरुपयोग आपराधिक गतिविधियों के लिए किया गया है और सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
इस बहाने, ठगों ने उन्हें एक वीडियो कॉल में शामिल होने के लिए मजबूर किया जहां उन्होंने डॉक्टर को विश्वास दिलाया कि उन्हें वर्चुअल अरेस्ट किया गया है।
डॉक्टर पर लगभग 48 घंटे तक वीडियो कॉल के माध्यम से लगातार नजर रखी गई और इस दौरान उन पर मानसिक दबाव डाला गया और उन्हें गुमराह किया गया।
इस दौरान, उन्हें अपने खाते से 1.30 करोड़ रुपये निकालने और एक ही बार में धनराशि को धोखेबाजों द्वारा नियंत्रित दूसरे खाते में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया गया।
ठगी का एहसास होने पर, डॉक्टर ने तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क किया और शिकायत दर्ज की। साइबर पुलिस के तत्काल हस्तक्षेप किया एवं समन्वित कार्रवाई कर बैंक खाता फ्रीज कर दिया और 1.06 करोड़ रुपये की वसूली की।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि राज्य में साइबर अपराधों की संख्या बढ़ रही है जिसमें विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बल देकर कहा कि वर्चुअल अरेस्ट भारत में कानूनी रूप से मान्य नहीं है और लोगों को ऐसी धोखाधड़ी के प्रति सचेत रहना चाहिए।
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