तिरुवनंतपुरम, सितम्बर 25 -- पंजाब ने होल्स्टीन फ्रीजियन नस्ल की तीस हजार और मुर्रा नस्ल के उन्नत वीर्य की साठ हजार निश्चित मात्रा वाली डोज केरल को भेजने की मंज़ूरी दे दी है।

इस समझौते को पंजाब में एक उच्च-स्तरीय अंतर-राज्यीय बैठक के दौरान अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक की सह-अध्यक्षता केरल के पशुपालन मंत्री जे चिंचुरानी और पंजाब के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां ने की। यह पहल दुधारु पशुओं की आनुवंशिक गुणवत्ता को बढ़ाने के मकसद की जा रही है। इससे दूध और मांस उत्पादन में वृद्धि, पशुधन उत्पादकता में सुधार और राज्य भर के किसानों की आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।

होल्स्टीन-फ्रीज़ियन गाय की एक डेयरी मवेशी नस्ल है जो अपने अत्यधिक दूध उत्पादन के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। इस नस्ल की उत्पत्ति नीदरलैंड के उत्तरी प्रांतों नॉर्थ हॉलैंड (जिसे होल्स्टीन कहा जाता है) और फ्रीज़लैंड (जहाँ से फ्रीज़ियन नाम आया है) में हुई थी।

मुर्रा नस्ल की भैंस दूध उत्पादन के लिए सबसे अच्छी नस्लों में से एक है, और इसे हरियाणा में 'काला सोना' भी कहा जाता है। इस भैंस का दूध वसा से भरपूर होता है, जिसमें सात प्रतिशत तक फैट होता है। यह नस्ल भारत के विभिन्न जलवायु में आसानी से रह सकती है और इसकी मांग बहुत अधिक है।

इस साझेदारी के तहत, दोनों राज्य बड़े पैमाने पर हिमशीतित वीर्य ( फ्रोजन सीमेन) के उत्पादन और वितरण, उच्च आनुवंशिक मूल्य वाली उत्कृष्ट गाय और भैंस की नस्लों के आदान-प्रदान और आनुवंशिक चयन एवं मूल्यांकन के लिए वैज्ञानिक कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

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