नयी दिल्ली , अक्टूबर 11 -- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के 52वें स्थापना दिवस पर यहां शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में 2047 तक 100,000 मेगावाट परमाणु क्षमता के विकास और पूर्वोत्तर में ब्रह्मपुत्र बेसिन के लिए पारेषण योजना के लिए रोडमैप का अनावरण किया गया गया।
केंद्रीय विद्युत सचिव पंकज अग्रवाल की उपस्थिति में सीईए ने देश भर में विद्युत सुरक्षा और डेटा के आधार पर निर्णय लेने की क्षमता मजबूत करने के लिए विद्युत दुर्घटना डेटा निगरानी प्रणाली (ईएडीएमएस) पोर्टल का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम में विद्युत मंत्रालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, राज्य उपयोगिताओं, उद्योग संघों के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
श्रीअग्रवाल ने कहा कि भारत 2070 तक अपनी 'नेट-ज़ीरो' प्रतिबद्धता को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा एकीकरण को सक्षम बनाने, परमाणु क्षमता को आगे बढ़ाने और ग्रिड सुरक्षा एवं लचीलापन बढ़ाने में सीईए का नेतृत्व महत्वपूर्ण होगा।
श्री अग्रवाल और सीईए के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने सीईए द्वारा प्रकाशित "विद्युत क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा का योगदान" विषय पर हिंदी त्रैमासिक पत्रिका (विशेष संस्करण) 'विद्युत वाहिनी' का विमाचन किया। उन्होंने "2047 तक 100 गीगावाट परमाणु क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोड मैप" का विमोचन किया जिसमें देश की परमाणु उत्पादन क्षमता को उसके दीर्घकालिक ऊर्जा और जलवायु उद्देश्यों के अनुरूप विस्तारित करने के लिए रणनीतिक मार्ग की रूपरेखा दी गई है।
कार्यक्रम को परमाणु ऊर्जा आयोग के सदस्य और होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान के एमेरिटस प्रोफेसर डॉ. आरबी ग्रोवर , परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) के पूर्व अध्यक्ष एस. ए. भारद्वाज तथा एनटीपीसी लिमिटेड, टाटा पावर, अदानी पावर, एलएंडटी और ईडीएफ के प्रतिनिधियों ने संबोधिति किया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित