चंडीगढ़;, सितंबर 25 -- सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (सीओसीएसएसओ) के दो दिवसीय 29वें सम्मेलन का गुरूवार को यहां शुभारंभ हुआ।
इस वर्ष के सीओसीएसएसओ का विषय "स्थानीय स्तर के शासन को सुदृढ़ बनाना' है। इस सम्मेलन में 30 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विभागों [योजना, विकास और सांख्यिकीय संगठन]; केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (आईएएसआरआई), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) जैसे विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विशेषज्ञों, विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अन्य हितधारकों के लगभग 350 प्रतिभागियों ने साक्ष्य-आधारित शासन के लिए सांख्यिकीय प्रणालियों को मजबूत करने और विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने पर विचार-विमर्श किया।
सम्मेलन में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी; केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), योजना एवं संस्कृति मंत्रालय के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह; हिमाचल प्रदेश सरकार के राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग; हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी और पंजाब सरकार के मुख्य सचिव श्री के.ए.पी. सिन्हा ने उद्घाटन सत्र में अपने संबोधनों के माध्यम से सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत की।
श्री नायब सिंह सैनी ने प्रभावी शासन और राष्ट्र निर्माण में आंकड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, और लक्षित सेवा वितरण, पारदर्शिता और नागरिक कल्याण के लिए हरियाणा की डेटा-संचालित पहलों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "आंकड़ों के बिना सरकार अधूरी है, कोई भी योजना तभी प्रभावी होती है जब वह विश्वसनीय आंकड़ों पर आधारित हो।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि "प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आधुनिक सांख्यिकीय उपकरणों का उपयोग भारत के 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण होगा।"केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सशक्त स्थानीय शासन की शुरुआत सशक्त स्थानीय आँकड़ों से होती है, क्योंकि आँकड़े ही समुदाय की आवश्यकताओं को ठोस योजनाओं में बदलते हैं। उन्होंने कहा, "समयबद्ध, विश्वसनीय और विस्तृत आँकड़ों की बढ़ती माँग के साथ सांख्यिकीविद् सटीक व्याख्या और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाते हैं।" मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि स्थानीय स्तर पर सुशासन के लिए सूक्ष्म और विश्वसनीय आँकड़े आवश्यक हैं, जो योजनाओं का मार्गदर्शन करें, प्रगति पर नज़र रखें और आवश्यकतानुसार सुधार को सक्षम बनाएं। इसलिए स्थानीय सांख्यिकीय तंत्र को मजबूत करना प्रभावी स्थानीय शासन से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया ने प्रभावी नियोजन के लिए विकेन्द्रीकृत, उच्च-गुणवत्ता वाले आंकड़ों के महत्व, 73वें और 74वें संशोधनों के माध्यम से स्थानीय सरकारों के सशक्तिकरण, और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की पहलों जैसे पैमाना डैशबोर्ड और वनों पर पर्यावरण लेखांकन 2025 पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के 68.16 प्रतिशत वन क्षेत्र और मजबूत लेखा प्रणाली की भी प्रशंसा की, जो स्थायी संसाधन प्रबंधन और साक्ष्य-आधारित नियोजन के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती है।
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