कुशीनगर, सितम्बर 27 -- उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर विदेशी पर्यटकों को खूब भा रही है। यहां साल दर साल विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

इसके पीछे कुशीनगर में हाल के वर्षों में बढ़ी पयर्टकीय सुविधाएं मानी जा रही है। विश्व में प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने की थी। इस वर्ष की थीम पर्यटन और सतत परिवर्तन है। कुशीनगर बौद्ध सर्किट में पवित्र व पूजनीय तीर्थ स्थलों में प्रमुख हैं। यहां बुद्ध को महापरिनिर्वाण प्राप्त हुआ था। लाखों की संख्या में देश. विदेश के पर्यटकों की आवक साल भर बनी रहती है।

यहां का पर्यटन सीजन विश्व पर्यटन दिवस से 31 मार्च तक माना जाता है। इसलिए भी विश्व पर्यटन दिवस कुशीनगर के लिए महत्वपूर्ण होता है। कोविड -19 व उसके कुछ सालों तक पर्यटकों का आगमन कम रहा। उसकी प्रमुख वजह कोविड संक्रमण व हवाई सेवाओं का प्रभावित होना रहा। लेकिन इसके बाद से उत्तरोत्तर विदेशी पर्यटकों की आवक हजारों से बढ़कर लाखों में पहुंच गई है। पर्यटन विकास का कार्य किया जा रहा है।

इस संबंध में डा प्राण रंजन पर्यटन सूचना अधिकारी ने बताया कि कुशीनगर पर्यटन विभाग के अलावा, नपा व स्थानीय प्रशासन का भी योगदान पर्यटकों की सुविधा को लेकर पर्यटन विभाग, स्थानीय प्रशासन, नगर पालिका अपने अपने स्तर से सहूलियत प्रदान करते है। सीजन शुरू होने से पहले ही काफी संख्या में देशी व विदेशी सैलानी पहुंचने लगे हैं। कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बनने से दुनिया भर में बुद्ध स्थली की साख बढी है। बौद्ध देशों में शामिल म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, कनाडा, मलेशिया, बंगलादेश, म्यामांर, कोरिया, ताईवान आदि देशों के सैलानी पहुंचते हैं और विश्व शांति की कामना करते है।

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