बैतूल, सितंबर 26 -- जिले के विभिन्न ग्रामों के किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी प्रमुख समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम विस्तृत ज्ञापन सौंपा। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का शीघ्र निराकरण नहीं हुआ तो वे जलसत्याग्रह, धरना और आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

किसानों ने गड़ा बांध परियोजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि बोरगांव, जीन और करपा गांव के कुछ हिस्सों को छोड़कर आसपास के 22 से अधिक गांवों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने मांग की कि नहर या लिफ्ट पंप प्रणाली से सभी प्रभावित ग्रामों को पानी उपलब्ध कराया जाए और पूरी कार्ययोजना किसानों के सामने स्पष्ट की जाए।

दूसरे ज्ञापन में किसानों ने कृषि उपज के लाभकारी मूल्य को लेकर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी2 50 फार्मूले को कानून का रूप देने की मांग की। किसानों का कहना है कि लागत मूल्य में मजदूरी, जमीन का किराया, ब्याज और अन्य खर्च जोड़ने के बाद ही समर्थन मूल्य तय किया जाना चाहिए, जिससे किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने से बच सकें और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

तीसरे ज्ञापन में खरीफ फसलों में आई तबाही, पीला मोजेक रोग और अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुद्दा उठाया गया। किसानों ने खेत-स्तर पर संयुक्त सर्वे कर मुआवजा और बीमा क्षतिपूर्ति की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हो रही अनियमितताओं पर आपत्ति जताई और सैटेलाइट आधारित उत्पादन आकलन को अव्यवहारिक बताया। किसानों ने कहा कि आकलन केवल रैंडम नंबर विधि से किए गए फसल कटाई प्रयोगों पर आधारित होना चाहिए।

इसके अलावा किसानों ने फसल बीमा की समयसीमा 1 जुलाई से 31 जुलाई तक होने के कारण जून माह में बुआई कर चुके किसानों को बीमा लाभ से वंचित रहने की समस्या उठाई। उन्होंने मांग की कि बीमा प्रीमियम बैंक द्वारा किसानों की वास्तविक गिरदावरी के आधार पर काटा जाए।

ज्ञापन में मक्का और सोयाबीन को ई-उपार्जन में शामिल कर पंजीयन तत्काल प्रारंभ करने, खेत पहुंच मार्ग, गोहा व चकबंदी रास्तों से अतिक्रमण हटाकर मनरेगा से निर्माण कराने, निराश्रित गौवंश से फसल नुकसान और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पंचायत स्तर पर कार्रवाई, 2017 से 2025 तक के फसल कटाई प्रयोगों की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, स्कूली बच्चों के आधार सुधार में जन्म प्रमाण पत्र को मान्यता देने, किसान परिवारों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने और गौशाला, भवन निर्माण व मेड बंधान हेतु पंचायत स्तर पर मुरम, मिट्टी व रेत-बजरी की अनुमति जैसी मांगें भी शामिल की गईं।

ज्ञापन सौंपने वालों में श्रीधर पटेल, मनोहर पटेल, दिलीप गायकवाड, सुधाकर नावगे, मिनेश बारस्कर, लालजी बाबूराव धोटे, गुणवंतराव, किशनलाल, माणिकराव, राजेश देशमुख, किशनराव और भीमराव देशमुख सहित अनेक किसान मौजूद रहे।

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