अलवर , अक्टूबर 24 -- राजस्थान में अलवर जिले में किसानों के लिए सोना कहीं जाने वाली लाल प्याज इन दिनों किसानों को खून के आंसू रुला रही है।

एक तो केंद्र सरकार की नीतियां दूसरे मौसम की मार से किसानों को मंडी में प्याज का भाव ही नहीं मिल रहा है। हालत यह है कि किसान प्याज की फसल खेत से मंडी तक लाने में डर रहा है क्योंकि लागत ही नहीं निकल पा रही है।

राजस्थान में अलवर और खैरथल प्याज के दो बड़े केंद्र हैं। यहां प्याज के भाव दो रुपये से लेकर 10 रुपये किलो तक मिल रहे हैं। उसमें भी प्याज की गुणवत्ता के आधार पर प्याज मंडी में भाव तय किए जाते हैं।

प्याज व्यापारी पप्पू भाई प्रधान उर्फ अभय सैनी ने बताया कि किसानों को मंडी में प्याज के उचित भाव नहीं मिल रहे हैं। दो रुपये किलो से लेकर 10 रुपये किलो तक के भाव मिल रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की निर्यात नीति जिम्मेदार है। पहले 14 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी थी जो अब 20 प्रतिशत हो गई है। इसके चलते महाराष्ट्र, गुजरात की तरफ की प्याज का पुराना स्टॉक अभी भारत में ही है। जिससे प्याजों के भाव नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों की लागत 40 हजार रुपये बीघा के हिसाब से आती है, लेकिन किसानों को मात्र 15 हजार रुपये बीघा की प्याज बिक रही है।

श्री सैनी बताया कि गत वर्षों की तुलना में इस बार प्याज का उत्पादन एवं लागत मूल्य बढे हैं। ज्यादा बारिश के कारण किसानों की प्याज खराब भी हो गई थी, वहीं अच्छे मुनाफे की चाहत में किसानों ने दोबारा भी प्याज बोना शुरू किया था, लेकिन बाजार में कीमत कम होने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्याज को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया जाना चाहिए। ताकि प्याज का मूल्य निर्धारित होने से किसानों को फायदा हो सके। अलवर और खैरथल में देश भर के व्यापारी भी प्याज खरीदने आते हैं। किसानों ने बताया कि बरसात होने से भी प्याज खराब हुई है। उसमें गलन रोग लगा है। प्याज की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ा है। इससे भी प्याज को भाव नहीं मिला है। उन्होंने सरकार से प्याज उत्पादक किसानों को मुआवजा देने की भी मांग की।

अकबरपुर भले ही अलवर में इस बार प्याज की फसल का उत्पादन पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक रहा हो, लेकिन वहां भी प्याज के कम दामों ने किसानों के आंसू निकाल दिए हैं। मंडी में प्याज की फसल लागत से भी कम दामों पर बिक रही है। जिससे किसान मायूस हैं।

अलवर की प्याज मंडी में इन दिनों करीब 2500 प्याज के कट्टे रोजाना आ रहे है । यहां प्याज थोक में दो रुपए से आठ रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही है। जबकि पिछले वर्षों में प्याज मंडी में फुटकर में 80 से 100 रुपए प्रति किलो भाव से बिकी थी। इससे किसानों में प्याज की खेती के प्रति रूझान बढ़ा था। जिससे प्याज का उत्पादन क्षेत्र बढऩे के साथ प्याज की आवक में भी वृद्धि हुई है, लेकिन बाजार में प्याज के दाम कम होने से अब लागत मूल्य निकलना भी मुश्किल हो रहा है।

उधर जानकारों का कहना है कि सब्जियों के दाम में तेजी का सीधा असर प्याज की कीमत पर भी पड़ता है। इस बार अन्य सब्जियों के दाम भी कम ही है। इससे भी प्याज की कीमतें प्रभावित हुई हैं।अलवर की प्याज का तडक़ा देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक खूब पसंद किया जाता है। अलवर से प्याज हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तरांचल, आसाम, झारखंड तक भेजी जाती है।

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