जोधपुर , नवंबर 22 -- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस द्वारा की जा रही बयानबाजी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि निष्पक्ष चुनाव और मतदाता सूची का समयबद्ध पुनरीक्षण कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है। कांग्रेस स्वयं के विरोधाभास में उलझकर इस प्रक्रिया पर आक्षेप लगा रही है।
श्री शेखावत शनिवार को यहां हवाईअड्डे पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और शुचितापूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करना एवं मतदाता सूची का पुनरीक्षण करते रहना संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। देश में इस तरह की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव रिव्यूज अनेक बार हो चुकी हैं और यह एक सामान्य, देशव्यापी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके मुखिया स्वयं महाराष्ट्र चुनाव के बाद इस तरह के आक्षेप लगा रहे थे कि मतदाता सूची में नामों में गड़बड़ियां हैं। उसके बाद वे कभी 'हाइड्रोजन बम' के नाम पर और कभी 'एटम बम' के नाम पर इस तरह के खुलासे करते रहे। अब जब एसआईआर प्रारंभ हुआ है, तब वे उसको लेकर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह कृत्य स्पष्ट करता है कि वे हर चीज को राजनीति के चश्मे से देखते हैं।
श्री शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान 'एसआईआर केवल 12 राज्यों में क्यों हो रहा है" से जुड़े सवाल पर कहा कि चिंता न करें, सभी राज्यों में होगा। जब देशव्यापी प्रक्रिया चलती है तो चरणबद्ध तरीके से चलती है। पहले पांच राज्यों में हुआ था, अब 12 में हो रहा है और शेष बचे हुए राज्यों में भी इन 12 राज्यों की प्रक्रिया पूरी होने के साथ-साथ यह समीक्षा प्रारंभ हो जाएगी। इसमें कोई संशय या संदेह नहीं होना चाहिए।
उन्होंने बिहार चुनाव के जनादेश का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता ने अब विभाजनकारी राजनीति को पूरी तरह नकार दिया है। बिहार के चुनाव के बाद जनता ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि न बांटने की राजनीति देश में चलने वाली है, न तोड़ने की राजनीति देश में चलने वाली है, न दुर्व्यवहार की राजनीति देश में चलने वाली है। देश में न परिवार की राजनीति चलने वाली है। केवल और केवल विकास की राजनीति और देश को विकसित करने के लिए प्रेरित और समर्पित राजनीति देश में चलेगी।
श्री शेखावत ने कहा कि यदि विपक्ष को यह संदेश अब भी समझ नहीं आता है तो पश्चिम बंगाल, असम और आगामी चुनावों के बाद जनता उन्हें बचा हुआ संदेश एक बार फिर दे देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हर कदम हमेशा सत्ता से प्रेरित रहा है। उन्होंने 'वंदे मातरम' गीत का उदाहरण देते हुए कहा कि आनंद मठ में बंकिम दा द्वारा रचित वो वंदे मातरम गीत, जो स्वतंत्रता संग्राम का मंत्र बन गया था, उस वंदे मातरम को भी जिन लोगों ने अपनी सत्ताओं और कुर्सियों के लिए बांटने का पाप किया था। उस पाप के साथ जैसा प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। जीवनपर्यंत जिन्होंने बांटने की राजनीति की, तोड़ने की राजनीति की और जिन्होंने अपने राजनीतिक स्वार्थ को सर्वोपरि रखते हुए सारे निर्णय किए, वो लोग इसके अतिरिक्त कुछ और सोच सकें, इसकी संभावना भी नहीं है।
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