नयी दिल्ली, 13 (वार्ता) सरकार ने कर्मचारी भविष्य योजना (ईपीएफ) में छूटे हुए पात्र श्रमिकों के पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है जो पहली नवंबर से अगले साल 30 अप्रैल तक चलाया जाएगा।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा, 'यह अभियान सामाजिक सुरक्षा के तहत ऐसे कर्मचारियों के नामांकन को बढ़ावा देगा और नियोक्ताओं को पिछले रिकॉर्ड को नियमित करने में मदद करेगा जिनका नाम किसी वजह से ईपीएफ में शामिल होने से रह गया है।" विज्ञप्ति के अनुसार ईपीएफओ में पंजीकृत नियोक्ता उन सभी मौजूदा कर्मचारियों का नामांकन कर सकते हैं, जो पहली जुलाई, 2017 से 31 अक्टूबर, 2025 के बीच प्रतिष्ठान की नौकरी में जुड़े हैं किंतु किसी भी कारण से पहले ईपीएफ योजना में नामांकित नहीं हुए हैं।

कर्मचारी नामांकन अभियान, (ईईसी) 2025 का उद्देश्य कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के अंतर्गत पहले से पंजीकृत और नए आने वाले नियोक्ताओं, दोनों को स्वेच्छा से पात्र कर्मचारियों की घोषणा और नामांकन के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस अभियान के तहत सरकार ऐसे कर्मचारियों के मामले में उपरोक्त अवधि के लिए ईपीएफ निधि में कर्मचारी के हिस्से का अंशदान माफ कर देगी, बशर्तें नियोक्ता ने वह पैसा कर्मचारी के पारिश्रमिक से काट न रखा हो। इस तरह यह नियोक्ता के लिए बड़ा प्रोत्साहन है।

इससे पहले सरकार ने 2017 में ऐसे ही अभियान शुरू किया था जिसमें 2009-2016 के दौरान ईपीएफओ में पंजीकरण से छूटे श्रमिकों को पंजीकरण का मौका दिया था।

श्रम मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना का लाभ उठाने वाले नियोक्ताओं को एकमुश्त मात्र 100 रुपये का नाममात्र दंडात्मक हर्जाना देना होगा। सभी प्रतिष्ठान प्रस्तावित योजना में भाग लेने के लिए पात्र हैं। इस अभियान में अतिरिक्त कर्मचारियों का पंजीकरण कराने वाले नियोक्ता लागू शर्तों के साथ प्रधानमंत्री-विकसित भारत रोजगार योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।

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