जैसलमेर, सितंबर 28 -- राजस्थान में जैसलमेर जिले में ओरण-गोचर भूमि को बचाने एवं राजस्व रिकार्ड में ओरण के नाम से दर्ज करने से रह गयी हजारों बीघा भूमि को दर्ज करने के लिए बड़ी संख्या में साधु संतों, जन प्रतिनिधियों के साथ हजारों लोगों, ग्रामीणों द्वारा आयोजित की गई जनाक्रोश रैली के बाद राज्य सरकार ने 21 गांवों में ओरण भूमि पर संयंत्र लगाने के लिए जारी अनुमति पर फिलहाल रोक लगा दी है।
जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने रविवार को बताया कि राजकीय सिवायचक भूमि में ओरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के उद्देश्य से जिला प्रशासन, जैसलमेर द्वारा सतत प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हाल ही में जिले के ग्राम सेउवा, राघवा, चेलक, आसलोई, काठोड़ा, गैराजा, भाखरानी, देवड़ा, देवीकोट, सीतोड़ाई, शोभ, डीगड़ी, जोधा, बीजोता, नगराजा, हापा, अड़बाला, सांगाणा, छोड़, कीता और जैरात में राज्य सरकार द्वारा भूमि आंवटन की स्वीकृति जारी की गई थी, अब राज्य सरकार द्वारा जारी स्वीकृति में मौके पर ओरण भू-भाग पर संयंत्र स्थापित नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा आवंटन बाबत स्वीकृत भूमि में मौके पर ओरण भूमि के सत्यापन के लिए उपखंड स्तर पर उपखंड अधिकारियों की अध्यक्षता में एक उपखंड स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो जांच करके शीघ्र ही रिपोर्ट भिजवायेगी।
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