नयी दिल्ली , नवंबर 05 -- आतंकवाद को वित्तीय मदद पर लगाम लगाने के लिए गठित बहुराष्ट्रीय संगठन वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने अपने नये प्रकाशित दिशा-निर्देशों में भारत द्वारा की गयी कार्रवाई का उदाहरण दिया है।

"परिसंपत्ति रिकवरी निर्देश एवं सर्वश्रेष्ठ प्रथाएं" नामक प्रकाशन में वित्तीय अपराधों के लिए परिसंपत्ति रिकवरी के वैश्विक तंत्र को मजबूत बनाने के लिए विस्तृत एवं अद्यतन दिशा-निर्देश प्रकाशित किये गये हैं। नये दिशा-निर्देशों को तैयार करने में भारत ने भी अपनी भूमिका निभायी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने प्रारूप समिति के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी थी।

नये दिशा-निर्देशों में भारतीय एजेंसी की कार्रवाई के कई उदाहरणों को शामिल किया गया है।

एक उदाहरण निवेश फंड एग्री गोल्ड के खिलाफ कार्रवाई का दिया गया है जिसमें ईडी और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच समन्वय बनाकर की गयी कार्रवाई में 60 अरब रुपये जब्त कर पीड़ितों को वापस किये गये। दूसरा उदाहरण, आईआरईओ समूह का है जिसने अपराध से प्राप्त आय को विदेश भेज दिया था और देश में उसकी 17.77 अरब रुपये की संपत्ति जब्त कर ईडी ने उसकी वसूली की।

एफएटीएफ ने दिशा-निर्देश में अंतर्राष्ट्रीय समन्वय पर भी जोर दिया गया है और उदाहरण के रूप में बनमीत सिंह और अन्य के खिलाफ की गयी कार्रवाई को रेखांकित किया है। इसमें ड्रग तस्करी और धन शोधन के आरोपी दो भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेरिका से मिले अनुरोध के आधार पर ईडी ने 268.22 बिटक्वाइन जब्त किया था जिसका मूल्य तकरीबन 1.3 अरब रुपये था। साथ ही 11 लाख डॉलर की अचल संपत्ति भी कुर्क की गयी थी।

एफएटीएफ ने ठगी और बैंक धोखाधड़ी के एक मामले को उजागर किया है। इसमें बताया गया है कि कैसे ईडी ने आरोपी की 2.9 अरब रुपये की संपत्ति जब्त कर महाराष्ट्र जमाकर्ता हित संरक्षा प्राधिकरण को सौंप दिया था।

नये दिशा-निर्देशों में भारतीय एजेंसी की कार्रवाई दिखाती है कि देश में सही कानून बनाया गया है और इसे सही तरीके से लागू किया जा रहा है।

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