चेन्नई , अक्टूबर 10 -- तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के तांबरम स्थित भारतीय वायु सेना स्टेशन के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर्स स्कूल (एफआईएस) से चार रक्षा बलों के 59 पायलट उड़ान प्रशिक्षक के रूप में स्नातक हुए जिनमें कुछ मित्र देशों के अधिकारी भी शामिल हैं।

रक्षा विज्ञप्ति में आज यह जानकारी दी गयी। अधिकारियों के लिए 22 सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण के समापन समारोह का आयोजन गुरुवार की रात संस्थान में किया गया।

ये अधिकारी भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय थल सेना, भारतीय तटरक्षक बल और मित्र देशों से थे। पाठ्यक्रम के स्नातकों को 'योग्य उड़ान प्रशिक्षक' के प्रतिष्ठित प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया जो उनकी पेशेवर क्षमता और कुशाग्रता का प्रतीक है।

एयर मार्शल तेजबीर सिंह, वरिष्ठ वायु कर्मचारी अधिकारी (एसएएसओ), मुख्यालय प्रशिक्षण कमान, भारतीय वायु सेना, बेंगलुरु समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। ग्रुप कैप्टन केपी सिंह, कमांडिंग ऑफिसर, एफआईएस ने पाठ्यक्रम की उपलब्धियों का सारांश प्रस्तुत किया।

विज्ञप्ति के अनुसार योग्य उड़ान प्रशिक्षकों (क्यूएफआईसी) 22 सप्ताह का एक चुनौतीपूर्ण पाठ्यक्रम है। इसमें उड़ान प्रशिक्षण के दस चरण और 200 घंटे से अधिक का जमीनी प्रशिक्षण शामिल है। उड़ान और जमीनी विषयों में विशिष्टता प्राप्त करने वाले पायलटों को मुख्य अतिथि द्वारा ट्रॉफी प्रदान की गई।

ओवरऑल ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले अधिकारी के लिए प्रतिष्ठित मजीठिया ट्रॉफी स्क्वाड्रन लीडर करण पाल सिंह को प्रदान की गई, फिक्स्ड विंग फ्लाइंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए चीफ ऑफ एयर स्टाफ ट्रॉफी स्क्वाड्रन लीडर भारतश्री वी को प्रदान की गई।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि रोटरी विंग फ्लाइंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्क्वाड्रन लीडर मैल्कम एलियास डायस को प्रदान की गई, एरोबेटिक्स में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए कमोडोर कमांडेंट ट्रॉफी स्क्वाड्रन लीडर अभिलाष को , इंस्ट्रक्शनल टेक्नीक में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए दिलबाग ट्रॉफी स्क्वाड्रन लीडर सुरभि सक्सेना को , ग्राउंड सब्जेक्ट्स में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ट्रॉफी स्क्वाड्रन लीडर आकिल शर्मा को तथा ओवरऑल ऑर्डर ऑफ मेरिट में द्वितीय स्थान प्राप्त करने के लिए एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ट्रॉफी स्क्वाड्रन लीडर भारतश्री वी को प्रदान की गई।

एफआईएस एक अद्वितीय संस्थान है जिसने विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में अपने लिए एक विशिष्ट स्थान अर्जित किया है। । भारतीय वायुसेना की एक स्थापित इकाई के रूप में इसे 75 वर्षों से भी अधिक का समृद्ध अनुभव प्राप्त है। इस संस्थान से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मित्र देशों के कई पेशेवर पायलट इस स्कूल से स्नातक हुए हैं।

एफआईएस की भूमिका महत्वपूर्ण शांतिकालीन कार्यों, विशेष रूप से खोज एवं बचाव (एसएआर) और मानव सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों तक भी विस्तारित होती है।

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