बेंगलुरु, सितंबर 25 -- ऑल इंडिया फाइनेंशियल बॉरोअर्स फेडरेशन (एआईएफबीएफ) ने महिला उद्यमियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर्ज लेने वालों के हित में सुधार करने का आह्वान किया है।
महासंघ द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि ये सुधार मेक इन इंडिया पहल को भी मज़बूत करेंगे, भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर के जीडीपी लक्ष्य को बढ़ावा देंगे और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) कम करने के साथ-साथ किसान आत्महत्याओं को भी कम करने में मदद करेंगे।
यह महासंघ पूरे भारत में 75 करोड़ से अधिक उधारकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो कश्मीर से कन्याकुमारी तक समाज के सभी वर्गों से संबंध रखते हैं।
महासंघ ने अपने ज्ञापन में इस बात पर जोर दिया है कि रियायती कर और रियायती ब्याज दर के माध्यम से महिला उद्यमियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। एनपीए को कम करने के लिए नीतियों को लागू करना चाहिए, संपत्तियों को बिना सोचे समझे बेचने पर रोक लगाना चाहिए और समयबद्ध तरीके से ऋण का समाधान किया जाना चाहिए।
महासंघ ने कहा कि किसानों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि ऋण व्यवस्था तक सबकी पहुंच बढ़ सके, समय पर फसल बीमा मिल सके और जबरदस्ती ऋण वसूली से भी उन्हें सुरक्षा मिल सके।
ज्ञापन में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि बैंकिंग और ऋण वसूली व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे सुधार लागू किए जाने चाहिए, जिससे रोजगार में वृद्धि हो, उत्पादकता बढ़े और भारत की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन तक पहुंच सके।
महासंघ के अध्यक्ष ने कहा, "हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है - उधारकर्ता समझदार, भारत उन्नतिशील।" उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज लेने वालों को सशक्त करने वाले सुधारों को अपनाकर राष्ट्र के लिए एक अधिक समावेशी, टिकाऊ और मजबूत आर्थिक भविष्य सुनिश्चित कर सकती है।
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