लखनऊ , नवम्बर 20 -- उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड एक दिसम्बर से ''बिजली बिल राहत योजना'' शुरू करने जा रहा है। योजना का उद्देश्य नेवर पेड, लॉन्ग अनपेड और बिजली चोरी के प्रकरणों को हल करते हुए करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत देना है। प्रदेश में 54,12,443 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने बिजली के बिल के रूप में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड को एक भी रुपये का भुगतान नही किया है। इन पर पावर कारपोरेशन का 16,105 करोड़ रुपया बकाया है। जबकि 91,45,985 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन पर लंबे समय से कारपोरेशन का 15,100 करोड़ रुपये बकाया पड़ा है। ऐसे में उपभोक्ताओं से बकाए की वसूली को लेकर पावर कारपोरेशन यह योजना शुरु कर रहा है।
गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल ने बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि कुल 1.45 करोड़ उपभोक्ताओ के ऊपर कुल 31,205 करोड़ बकाया सरचार्ज सहित कुल देयक 45,980 करोड़ रुपये (जिसमें 24,775 करोड़ रुपये सरचार्ज) है।
उन्होंने कहा कि यह योजना सरचार्ज माफी और मूलधन में भारी छूट देने वाली ऐतिहासिक पहल है। पहली बार उपभोक्ताओं को एकमुश्त भुगतान पर शत प्रतिशत सरचार्ज माफी तथा मूलधन में 25 प्रतिशत तक की छूट मिल रही है। साथ ही गरीब एवं मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के लिए आसान मासिक किस्तों में बकाया जमा करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। बिजली चोरी के मामलों में भी राजस्व निर्धारण धनराशि पर छूट देकर मुकदमे और एफआईआर का निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।
श्री आशीष गोयल ने स्पष्ट निर्देश दिया कि डिस्कॉम का हर कार्मिक उपभोक्ताओं से व्यक्तिगत संपर्क बनाए। उपभोक्ताओं को फोन कॉल के साथ घर-घर जाकर योजना के बारे में बताया जाए। प्रत्येक पात्र उपभोक्ता तक तीन जरूरी दस्तावेज नोटिस, पाम्पलेट और बकाया विवरण-अनिवार्य रूप से पहुंचाए जाएं ताकि वह योजना को समझ सके और बकाया जमा कर सके। उन्होंने कहा कि जहां अधिक बकायेदार उपभोक्ता हैं, वहां विशेष रणनीति के साथ कैंप लगाया जाए। पूरे गांव या मोहल्ले को अभियान के तहत कवर किया जाए।
योजना के प्रचार-प्रसार के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप, सोशल मीडिया, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, पोस्टर-बैनर, हैंडबिल और कॉलर ट्यून जैसे सभी माध्यमों का उपयोग करने को कहा गया। बैठक में प्रबंध निदेशक पंकज कुमार भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि योजना में अधिकतम वसूली करने वाले 10 अधिशासी अभियंता, 20 उपखंड अधिकारी और 30 अवर अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कलेक्शन एजेंसियों जन सेवा केंद्र, विद्युत सखी, फिनटेक प्रतिनिधि, मीटर रीडर को भी अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
उधर विजिलेंस के अपर पुलिस महानिदेशक जे.एन. सिंह ने सभी दर्ज एफआईआर मामलों की सूची बनाकर उपभोक्ताओं से व्यक्तिगत संपर्क करने और योजना के तहत पंजीकरण कराने का निर्देश दिया। अकेले लखनऊ में 31,000 एफआईआर लंबित हैं।
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