लखनऊ , अक्टूबर 9 -- उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा अब वैश्विक मंच पर और मजबूत कदम बढ़ाने जा रही है। गुरुवार को प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के नौ विश्वविद्यालयों और वियतनाम की दो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों यूनिवर्सिटी ऑफ इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंस (यूईएफ) तथा ह्यूटेक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, हो ची मिन्ह सिटी के बीच शैक्षणिक सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस ऐतिहासिक समारोह में वियतनामी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों और प्रदेश के कुलपतियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान वियतनाम के दोनों विश्वविद्यालयों की विशेषताओं पर आधारित वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
संस्थानों में आईआईटी कानपुर, लखनऊ विश्वविद्यालय, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय प्रयागराज तथा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ शामिल है।
एमओयू के तहत विश्वविद्यालयों में फैकल्टी व छात्र विनिमय कार्यक्रम (एक्सचेंज प्रोग्राम), संयुक्त शोध कार्य, डुअल व जॉइंट डिग्री प्रोग्राम, अकादमिक सामग्री प्रकाशन, सेमिनार व कार्यशालाओं में सहभागिता, तथा शॉर्ट टर्म शैक्षणिक कार्यक्रमों में सहयोग जैसे प्रावधान किए गए हैं।
राज्यपाल ने इस अवसर को "शिक्षा को स्थानीयता से वैश्विकता की ओर ले जाने वाला ऐतिहासिक कदम" बताया। उन्होंने कहा कि "यह एमओयू भारत-वियतनाम मैत्री संबंधों को मजबूत करेगा और विद्यार्थियों, शिक्षकों व शोधकर्ताओं के लिए वैश्विक अवसरों के नए द्वार खोलेगा।"उन्होने कहा कि यह गर्व का विषय है कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय अब राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर भी अपनी सशक्त पहचान बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 17 विश्वविद्यालयों को नैक से ए डबल प्लस, ए प्लस एवं ए रैंकिंग मिली है। 6 विश्वविद्यालयों को क्यूएस एशिया रैंकिंग में स्थान मिला है और 5 विश्वविद्यालयों को यूजीसी द्वारा श्रेणी-1 का दर्जा प्राप्त हुआ है।
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