देहरादून , नवंबर 08 -- उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शनिवार को कहा कि राज्य गठन के बाद प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई।

डॉ रावत ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज हर विधानसभा, तहसील स्तर पर उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित हुये हैं। राज्य में पिछले 25 वर्षों में उच्च शिक्षा को डिग्री तक सीमित नहीं रखकर इसे रोजगार उद्यमिता और नवाचार से जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने के लिए सतत और सकारात्मक प्रयास किए हैं। यही कारण है कि राज्य स्थापना के समय प्रदेश में जहां तीन राज्य विश्वविद्यालय और 31 शासकीय महाविद्यालय हुआ करते थे। अब प्रदेश में पांच राज्य विश्वविद्यालयों समेत 11 राजकीय विश्वविद्यालय और 118 महाविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। उसी तरह प्रदेश में 31 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और 238 प्राइवेट महाविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की ठोस नीतियों की वजह से बीते 25 वर्षों में राज्य में उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। जहां राज्य गठन के समय उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या करीब एक लाख थी, जो बढ़कर पांच लाख हो गई है। इसी तरह राजकीय महाविद्यालय और विश्वविद्यालय परिसरों में पढ़ने वाले 2.54 लाख छात्रों में से 1.53 लाख छात्राएं अध्यनरत हैं, जो कुल छात्र संख्या के 60 प्रतिशत से अधिक है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बीते 25 वर्षों में युवाओं को बेहतर उच्च शिक्षा उपलब्ध करने की दिशा में लगातार विस्तार किया है। प्रदेश में 118 महाविद्यालयों में से 98 महाविद्यालयों के अपने भवन हैं, जबकि बाकी निर्माणाधीन हैं।छात्रों के लिए 40 हॉस्टल की सुविधा सुलभ की गई हैं। इनमें से 29 महिला छात्रावास हैं।

उच्च शिक्षण संस्थानों मे कर्मचारियों क कर्मचारियों की कमी को भी दूर किया गया है। वर्ष 2000 में शासकीय महाविद्यालय में शिक्षकों के कुल 918 और शिक्षणेत्तर कार्मिकों के कुल 795 पद सृजित थे, लेकिन अब प्राचार्य और शिक्षकों के कुल 2351 व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के 1036 पद सृजित हुए हैं।

डॉ. रावत ने कहा कि इन 25 वर्षों में सरकार ने शिक्षण संस्थानों के रैंकिंग पर भी फोकस करते हुए 2017 के बाद तीन राज्य विश्वविद्यालय, छह निजी विश्वविद्यालय, दो डीम्ड विश्वविद्यालय, 45 शासकीय महाविद्यालय, 11 अशासकीय अनुदानित और 6 निजी महाविद्यालय नेक द्वारा अभिप्रमाणित किये हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में शोध पत्रों और पेटेंट की बढ़ी संख्या, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का ठोस क्रियान्वयन, शिक्षकों के प्रशिक्षण पर फोकस, छात्र-छात्राओं को मिल रहे प्रोत्साहन, कौशल विकास, शिक्षण संस्थानों में डिजिटाइजेशन यह दर्शाता है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा को पुस्तकों तक ही सीमित नहीं रखकर उसे जीवन रोजगार और समाज से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

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