नयी दिल्ली , अक्टूबर 09 -- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य में निवेशकों के अनुकूल माहाैल बनाया गया है और इसी का परिणाम है कि वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में दुनिया भर से निवेशक उत्तराखंड पहुंचे हैं।

श्री धामी ने गुरुवार को यहां पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2023 में वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित किया था और अकेले उस सम्मेलन से ही राज्य को 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौते प्राप्त हुये हैं जिनमें से अब करीब एक लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता मिली है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में निवेशक केंद्रित नीतियों, बुनियादी ढांचे, कुशल जनशक्ति और सुशासन द्वारा स्वस्थ निवेश वातावरण की उपलब्धता सुनिश्चित की है। पहले राज्य में विनिर्माण इकाई लगाने के लिए अलग-अलग विभागों से विभिन्न प्रकार की स्वीकृतियां लेनी पड़ती थी और इसकी वजह से बहुत समय लगता था। इस समस्या के समाधान के लिए उद्योगों की लाइसेंसिंग प्रोसेस को आसान बनाते हुए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था में सुधार किया है और औद्योगिक, लॉजिस्टिक, स्टार्टअप और एमएसएमई नीति सहित 30 से अधिक नीतियां लाकर राज्य में उद्योगों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया। इसके साथ ही, विनिर्माण क्षेत्र में बड़े उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी भी लागू की गयी है।

श्री धामी ने कहा कि इसके अलावा जहां स्टार्टअप को इनक्यूबेशन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 60 करोड़ रुपए की लागत से विश्वस्तरीय यू-हब की स्थापना करने के साथ ही उन्हें आसानी से फंड उपलब्ध कराने के वास्ते 200 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की स्थापना भी की गयी है। राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिये यूके-स्पाईस नाम से निवेश प्रोत्साहन एजेंसी स्थापित कर निवेशकों को समर्पित 'निवेश मित्र' की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा "हमने जहां एक ओर काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना की है, वहीं एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों को प्लग एंड प्ले मॉडल पर उद्यम स्थापना के लिए सिडकुल द्वारा रुद्रपुर, सेलाकुई और हरिद्वार में कम लागत वाली फ्लैटेड फैक्ट्रियाँ भी तैयार की जा रही हैं।

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