विधानसभा विशेष सत्र राष्ट्रपति पीएम आमंत्रण।

देहरादून , अक्टूबर 19 -- उत्तराखंड विधान सभा (विस) का पहली बार एक विशेष सत्र आगामी तीन व चार नवम्बर को आहूत किया जा रहा है। यह विशेष सत्र राज्य गठन के पच्चीस वर्ष अर्थात रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है। दोनों नेताओं के कार्यक्रम की अभी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।

राज्यपाल, सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के निर्देश पर विस के सचिव की ओर से उप सचिव, लेखा, हेम चन्द पन्त ने इस संदर्भ में यह अधिसूचना निर्गत की है। जिसके अनुसार भारत का संविधान के अनुच्छेद 174 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उत्तराखण्ड राज्य की पंचम विधान सभा के वर्ष, 2025 का 'विशेष सत्र' दिनांक तीन एवं 04 नवम्बर को 11:00 बजे पूर्वाह्न से विधान सभा भवन, देहरादून में उसके वर्ष 2025 के लिए आहूत किया गया है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस विशेष सत्र के लिए देश की राष्ट्रपति मुर्मु और प्रधानमंत्री मोदी को भी आमंत्रित किया गया है। फिलवक्त दोनों की आधिकारिक स्वीकृति नहीं मिली है। पांच नवम्बर को प्रवासी सम्मेलन और नौ नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस का भव्य समारोह भी आयोजित किया जाना है। संभावना है कि राष्ट्रपति विस के विशेष सत्र में उपस्थित रहकर सत्र को संबोधित कर सकती हैं। जबकि प्रधानमंत्री स्थापना दिवस अथवा प्रवासी सम्मेलन में भाग ले सकते हैं। शासन की ओर से यथानुसार तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं।

उल्लेखनीय है कि नौ नवम्बर, वर्ष 2000 में इस पर्वतीय राज्य की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। तत्कालीन संयुक्त प्रान्त उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विधान परिषद अध्यक्ष मित्यानन्द स्वामी को राज्य का पहला आंतरिक मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। तत्समय इस राज्य का नाम उत्तरांचल रखा गया, जिसे जनवरी वर्ष 2007 में परिवर्तित कर, उत्तराखंड कर दिया गया। यह देश का 27वा राज्य है। जिसके गठन का अगले माह रजत जयंती वर्ष शुरू हो रहा है। प्राचीन हिंदू शास्त्रों में इसे क्षेत्र को केदार खंड और मानस खंड नाम से वर्णित किया गया। उत्तराखंड राज्य की सीमा उत्तर पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में उत्तर प्रदेश से लगती है। जिसका एक छोटा सा हिस्सा पश्चिम में हरियाणा को छूता है।

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