देहरादून , नवंबर 08 -- अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष और उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के मौके पर यहां शनिवार को संस्कृति विभाग के दीप नगर स्थित ऑडिटोरियम में सहाकरिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा राज्य में छठी कक्षा से छात्र-छात्राओं को सहकारिता आंदोलन का पाठ अनिवार्य रूप से पढ़ाया जायेगा।

उत्तराखंड प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के तत्वाधान में आयोजित किये गये सम्मेलन का शुभारंभ डॉ रावत ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद पूरे देश में सहकारिता की नई क्रांति आई है और उत्तराखंड ने इसमें विशेष रूप से अपनी भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को कक्षा छह से सहकारी आंदोलन का पाठ अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। इसको लेकर निबंधक को एक समिति गठित किए जाने के लिए कहा गया है। राज्य स्तर पर तैयार इस प्रस्ताव को भारत सरकार को भी भेजा जाएगा, ताकि केंद्रीय विद्यालयों में भी इस पाठ्यक्रम को हिस्सा बनाए जा सके।

उन्होंने कहा कि मिलेट्स मिशन योजना के तहत राज्य के किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं, सरकार समितियों के माध्यम से 4800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मंडुवा की सीधी खरीद कर रही है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिल रहा है।

जबकि महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से 21 हजार रुपये से लेकर 51 हजार और एक लाख 10 हजार रुपए तक का लोन बिना गारंटी के दिया जा रहा है, ताकि महिलाएं रोजगार और आय सृजन से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ा सकें। सहकारी का मंत्री ने बताया कि भारत दर्शन यात्रा के लिए एक लाख से लेकर दो लाख व महिला समूहों को तीन लाख तक का ऋण भी दिया जा रहा है।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से अब ठेली रेहड़ी लगाने वालों को सिर्फ पांच प्रतिशत की दर से तीन से पांच दिन के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके।

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