नयी दिल्ली , नवंबर 10 -- केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) (द्वितीय) संशोधन नियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है जिसके तरह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए ऑनलाइन बेची जाने वाली इंपोर्टेड वस्तुओं के पैकेट पर 'मूल देश' का नाम अनिवार्य रूप से बताने का प्रस्ताव है।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने आज बताया कि ऑनलाइन बेची जाने वाली इंपोर्टेड वस्तुओं के पैकेट पर 'मूल देश' का नाम होने से ऑनलाइन खरीदारी में उपभोक्ता सशक्तीकरण और पारदर्शिता बढ़ेगी।
मंत्रालय ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य उपभोक्ताओं को ऑनलाइन खरीदारी करते समय उत्पादों के उद्गम स्रोत की आसानी से पहचान करने की सुविधा देकर उन्हें खरीदारी संबंधी निर्णय लेने में सक्षम बनाना है। यह प्रस्तावित सुविधा उपभोक्ताओं को उनके उद्गम स्रोत के अनुसार उत्पादों को खोजने और छांटने में सक्षम बनाएगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और विशाल उत्पाद सूची में ऐसी जानकारी ढूंढने में लगने वाला समय कम होगा।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि संशोधन नियमों का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया गया है और हितधारकों से 22 नवंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं। यह संशोधन 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को आसानी से खोज योग्य बनाकर 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' पहल का प्रत्यक्ष समर्थन करता है। यह भारतीय निर्माताओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है, घरेलू उत्पादों को आयातित वस्तुओं के बराबर दृश्यता प्रदान करने में मदद करता है और उपभोक्ताओं को स्थानीय रूप से निर्मित विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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