कोलकाता , नवंबर 13 -- देश में इंजीनियरिंग निर्यात को प्रोत्साहन देने वाले निकाय (इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया ने गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्द्धन मिशन (ईपीएम) की शुरुआत करने के लिए धन्यवाद दिया।
इसका उद्देश्य एकीकृत एवं अनुकूल निर्यात ढांचे के माध्यम से एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वाले एवं श्रम उन्मुखी क्षेत्रों के लिए निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा, "इंजीनियरिंग क्षेत्र को ईपीएम के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्राप्त करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में चिन्हित करने के लिए हम आभारी हैं क्योंकि यह क्षेत्र विश्व स्तर पर आयात शुल्क में बदलाव से बहुत प्रभावित हुआ है।"इन पहलों से निर्यात प्रतिस्पर्धा में वृद्धि, एमएसएमई और पहली बार निर्यात करने वालों को समर्थन, नए बाजार तक पहुंच एवं व्यापार करने में आसानी में सुधार होने की उम्मीद है जिससे भारत की निर्यात-आधारित बढ़ोत्तरी को मजबूती मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ईपीएम सभी निर्यात समर्थन को एकल एवं परिणाम-आधारित व्यवस्था के अंतर्गत एकत्रित करेगा। ईपीएम एक समावेशी एवं तकनीकी-सक्षम संरचना प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि ईपीएम भारतीय निर्यातकों के सामने आने वाली वास्तविक चुनौतियों का समाधान करता है, यह एक मजबूत एवं ज्यादा लचीले व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है, जो विकसित भारत-2047 की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ईईपीसी इंडिया ने सरकार से एमएसएमई द्वारा निर्मित स्टील एवं एल्युमीनियम उत्पादों को अमेरिकी द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) वार्ता में शामिल करने और यूरोपीय संघ के साथ एफटीए वार्ता के दौरान वर्तमान कोटा और आयात शुल्क संरचनाओं को बनाए रखने का भी आग्रह किया है।
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