नयी दिल्ली , नवम्बर 05 -- इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने लोगों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी ए आई प्रौद्योगिकी का सुरक्षित, समावेशी और जवाबदेहीपूर्ण इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए 'इंडिया एआई मिशन' के अंतर्गत बुधवार को यहां इंडिया एआई संचालन दिशानिर्देश जारी किए।

ये दिशा निर्देश सभी क्षेत्रों में सुरक्षित, समावेशी और जवाबेह एआई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक ढांचा प्रदान करते हैं।

मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने ये दिशानिर्देशों औपचारिक रूप से जारी किए। इस अवसर पर मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन, अतिरिक्त सचिव, इंडिया एआई मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एनआईसी के महानिदेशक अभिषेक सिंह अनेक वैज्ञानिक इंडिया एआई मिशन की मुख्य संचालन अधिकारी कविता भाटिया और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के प्रो. बी. रवींद्रन भी उपस्थित थे।

देश में अगले वर्ष होने वाली ए आई समिट से पहले इन दिशा निर्देशों के जारी किये जाने को ए आई संचालन के क्षेत्र में मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है। ये दिशानिर्देश अत्याधुनिक नवाचार को बढ़ावा देने और नागरिकों तथा समाज के लिए जोखिमों को कम करते हुए एआई को सुरक्षित रूप से विकसित करने के लिए मजबूत शासन ढांचे का प्रस्ताव करते हैं।

इस ढांचे में चार प्रमुख घटक नैतिक और उत्तरदायी एआई के लिए सात मार्गदर्शक सिद्धांत , एआई शासन के छह स्तंभों पर प्रमुख सिफारिशें, लघु, मध्यम और दीर्घकालिक समय-सीमाओं के लिए तैयार कार्य योजना और पारदर्शी और जवाबदेह एआई नियोजन सुनिश्चित करने के लिए उद्योग, डेवलपर्स और नियामकों के लिए व्यावहारिक दिशानिर्देश शामिल हैं।

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