साँची/ भोपाल , नवंबर 22 -- साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में इंडियन सोसायटी फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज़ (आईएसबीएस) का तीन दिवसीय रजत जयंती सम्मेलन आज रविवार 23 नवम्बर से आरंभ हो गया। सम्मेलन में वियतनाम, म्यांमार और श्रीलंका सहित देश-विदेश के 150 से अधिक प्रतिष्ठित बौद्ध विद्वान पहुंचे हैं, जो बौद्ध दर्शन, इतिहास, संस्कृति और समकालीन विमर्श पर विचार प्रस्तुत करेंगे।
आईएसबीएस की स्थापना वर्ष 2000 में बौद्ध धर्म, दर्शन, संस्कृति और पुरातत्व से जुड़े विद्वानों को एक साझा मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी। अपने रजत जयंती वर्ष में संस्था ने वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी साँची विश्वविद्यालय को दी है।
सम्मेलन में उद्घाटन और समापन सत्र के अतिरिक्त चार समानांतर सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें बौद्ध दर्शन, इतिहास, साहित्य और समकालीन बौद्ध अध्ययन पर शोध पत्र प्रस्तुत होंगे। मध्यप्रदेश की समृद्ध बौद्ध विरासत को देखते हुए सम्मेलन में बौद्ध कला और स्थापत्य पर विशेष सत्र रखा गया है।
सम्मेलन में बौद्ध एवं भारतीय अध्ययन के विख्यात विद्वान प्रो. जी.सी. पाण्डे पर केन्द्रित एक विशेष सत्र भी आयोजित होगा। इस सत्र में प्रो. पाण्डे के लेखन, विचार और योगदान पर चर्चा की जाएगी, जिसमें उनकी पुत्री और सुप्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. सुष्मिता पाण्डे अपने विचार रखेंगी। सम्मेलन के दौरान साँची विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. वैद्यनाथ लाभ के अवदानों पर आधारित अभिनंदन ग्रंथ का भी विमोचन किया जाएगा।
देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों नव नालंदा महाविहार, दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, कोलकाता विश्वविद्यालय, जम्मू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और सागर विश्वविद्यालय सहित अनेक संस्थानों के प्राध्यापक और शोधार्थी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के साथ-साथ कोलकाता, पुणे, नागपुर, चेन्नई, लखनऊ, पटना और बनारस से भी प्रतिनिधि सम्मेलन में पहुंचे हैं।
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