नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- कोरिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय कला महोत्सव 'आर्ट एशिया दिल्ली 2025' नयी दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में 25 सितंबर को भव्य रूप में शुरू हुआ और यह 28 सितंबर तक चलेगा। यह डेब्यू संस्करण आर्ट एशिया और किंटेक्स द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है।
कोरिया के संस्कृति, खेल और पर्यटन मंत्रालय तथा कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र इंडिया के सहयोग से यह मेला कोरिया और भारत के बीच सांस्कृतिक सहयोग को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास है। प्रदर्शनी में कोरिया, भारत, अमेरिका और जापान के 220 से अधिक कलाकारों और 51 गैलरियों की भागीदारी है। कुल 61 बूथों में 760 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
उद्घाटन समारोह में डॉ. संजीव किशोर गौतम (राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा के महानिदेशक), मनीषा स्वामी (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की उपमहानिदेशक), यू जिन रयोंग (कोरिया के पूर्व संस्कृति मंत्री) और ली दल गोन (कोरिया के पूर्व गृह मंत्री) शामिल हुए।
कोरिया के भारत में राजदूत महामहिम ली सियोंग-हो ने कहा: "यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा कोरियाई कला मेला है। इसमें कोरिया और एशिया की समकालीन कला की रंग-बिरंगी दुनिया, रचनात्मकता और भावना को प्रदर्शित किया गया है। यह मेला कोरिया-भारत के सांस्कृतिक रिश्तों की गहराई को भी दर्शाता है।"प्रदर्शनी में कुल नौ खंड शामिल हैं। इनमें न्यू मीडिया विशेष प्रदर्शनी, मास्टर्स विशेष प्रदर्शनी और पारंपरिक कोरियाई सामग्री व तकनीकों जैसे 'हांजी' (पारंपरिक कोरियाई कागज), गोल्ड लीफ, मून जार और मोती की परतों को आधुनिक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है।
कोरिया की ओर से किम चांग-यूल की विश्व प्रसिद्ध "वॉटर ड्रॉप" पेंटिंग्स, ली बे की सामग्री-आधारित एब्स्ट्रैक्शन और किम ह्युंग-डे की प्रकाश की परतों से सजी पारंपरिक अभिव्यक्तियाँ प्रदर्शनी का आकर्षण रहीं।
प्रसिद्ध कोरियाई कलाकार चोई जियोंग-वूक, जिनकी 'मून जार सीरीज' बिल गेट्स के निजी संग्रह में भी शामिल है, ने अपनी रचनाएं मून जार विशेष प्रदर्शनी और मास्टर्स विशेष प्रदर्शनी दोनों में प्रस्तुत कीं। उनके माध्यम से भारतीय दर्शकों को कोरियाई सिरेमिक और चित्रकला की आत्मा से गहराई से जुड़ने का अवसर मिला।
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