मुंबई , नवंबर 14 -- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अमेरिकी आयात शुल्क की मार झेल रहे निर्यातकों को बड़ी राहत देते हुए निर्यात संबंधी प्रावधानों और ऋण भुगतान की अवधि में बदलावों की घोषणा की है।

केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि फेमा नियमों के तहत दी गयी राहत के कारण अब निर्यातकों को निर्यातित वस्तुओं/सॉफ्टवेयर/सेवाओं के निर्यात मूल्य की पूरी राशि स्वदेश लाने के लिए नौ महीने की जगह 15 महीने का समय मिलेगा। इस समय की गणना निर्यात की तारीख से की जाती है। इसके लिए 13 सितंबर को एक गजट अधिसूचना जारी की गयी थी।

इसके अलावा, आयातक से अग्रिम राशि प्राप्त करने के बाद निर्यात करने के लिए एक साल की जगह अब तीन साल का समय मिलेगा। यदि समझौते में उल्लेखित तारीख तीन साल से अधिक है तो वही तारीख मान्य होगी।

आरबीआई ने प्रभावित सेक्टरों के निर्यातकों के लिए सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी ऋण के ब्याज के भुगतान के लिए मोरेटोरियम/भुगतान लंबित करने के लिए आज एक निर्देश जारी किया है। यह निर्देश उन्हीं मामलों में लागू होगा जहां 01 सितंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 के बीच भुगतान देय है। साथ ही, बैंकों को इस अवधि के लिए कार्यशील पूंजी सुविधा के तहत अर्हता शक्ति की पुनर्गणना का अधिकार दिया गया है।

प्रभावित सेक्टरों में मछलियों और अन्य बिना रीढ़ वाले समुद्री जीवों का निर्यात, जैव रसायन, प्लास्टिक और उससे बनी वस्तुएं, रबड़ और उनसे बनी वस्तुएं, चमड़े की वस्तुएं, यात्रा से संबंधित वस्तुएं, हैंड बैग, परिधान, कालीन और जूते-चप्पल शामिल हैं।

प्राकृतिक या कृत्रिम कीमती हीरे-जवाहरात, सोना-चांदी, गहने, एल्युमीनियम, लोहे और इस्पात के सामान, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और मकेनिकल एप्लायंस, बिजली से चलने वाली मशीनें और उपकरण, रेलवे या ट्रामवे के रोलिंग स्टॉक को छोड़कर दूसरे वाहन तथा उनके कलपुर्जों के निर्यातकों को भी यह राहत मिलेगी।

इस सूची में कैमरे, चिकित्सा उपकरण, सर्जिकल उपकरण, फर्नीचर, बेडिंग और मेट्रेस आदि शामिल हैं।

निर्यातकों को 31 मार्च 2026 तक शिपमेंट से पहले और शिपमेंट के बाद जारी निर्यात क्रेडिट के भुगतान के लिए अब 270 दिन की 450 दिन का समय मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने इस साल अगस्त में दो बार में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है। सरकार ने निर्यातकों को राहत देने के लिए उनके लिए विशेष निर्यात क्रेडिट गारंटी योजना भी शुरू की है जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी सप्ताह मंजूरी दी थी। इसके बाद आरबीआई की तरफ से दी गयी यह राहत निर्यातकों की परेशानी काफी हद तक कम करेगी।

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