नयी दिल्ली , अक्टूबर 01 -- सरकार ने विभिन्न तरह की आपदाओं से प्रभावित नौ राज्यों में कुल 4645.60 करोड़ रुपये की लागत से अनेक पुनर्निमाण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) ने नौ राज्यों में 4645.60 करोड़ रुपये के कुल व्यय वाली कई पुनर्निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी हैं। इससे असम, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश, नौ राज्यों को लाभ होगा।
वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सदस्यता वाली समिति ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) से राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव पर विचार किया। समिति ने असम के लिए 692.05 करोड़ रुपये की आर्द्रभूमि पुनर्स्थापन और कायाकल्प योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के कार्यान्वयन से आर्द्रभूमि क्षमता में वृद्धि होगी, बाढ़ भंडारण क्षमता का निर्माण होगा, बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी, जलीय पर्यावरण की रक्षा होगी और बेहतर मत्स्य पालन अवसंरचना के माध्यम से आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। परियोजना के लिए स्वीकृत कुल 692.05 करोड़ रुपये के व्यय में से, केंद्र का हिस्सा 519.04 करोड़ रुपये (75 प्रतिशत) और राज्य का हिस्सा 173.01 करोड़ रुपये (25 प्रतिशत) होगा। इसमें ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली में फैले असम राज्य के 9 जिलों की 24 विशिष्ट आर्द्रभूमियों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए शमन गतिविधियों की परियोजनाएं शामिल हैं। कई संरचनात्मक और अन्य उपायों के माध्यम से, असम में यह परियोजना आर्द्रभूमियों की जल धारण क्षमता को बढ़ाएगी और बाढ़ एवं कटाव के जोखिम को कम करने में मदद करेगी।
उच्च स्तरीय समिति ने ग्यारह शहरों के लिए शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम (यूएफआरएमपी) चरण- दो को भी मंजूरी दी है। भोपाल, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, जयपुर, कानपुर, पटना, रायपुर, त्रिवेंद्रम, विशाखापत्तनम, इंदौर और लखनऊ में बाढ़ नियंत्रण के लिए 2444.42 करोड़ रुपये का कुल व्यय होगा, जिसका वित्तपोषण राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) से किया जाएगा।
इन 11 शहरों का चयन उनकी सबसे अधिक आबादी वाले शहरों या राज्यों की राजधानियों, मुख्य रूप से बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य भौतिक, पर्यावरणीय, सामाजिक-आर्थिक और जल-मौसम संबंधी कारकों के आधार पर किया गया है। यह कार्यक्रम राज्यों को उनके शहरों में समान संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक हस्तक्षेप उपायों के माध्यम से शहरी बाढ़ के जोखिम को कम करने में सहायता करेगा। एनडीएमएफ के दिशानिर्देशों के अनुसार, वित्तपोषण का स्वरूप केंद्र और राज्य के बीच लागत-साझाकरण पर आधारित होगा, अर्थात 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य वहन करेंगे।
इसके अतिरिक्त इन 11 शहरों में से, उच्च स्तरीय समिति ने गुवाहाटी शहर की बाढ़ न्यूनीकरण परियोजनाओं के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है, जिसका कुल व्यय 200 करोड़ रुपये है, जिसमें से 100 करोड़ रुपये राज्य के लिए हैं। एनडीएमएफ से 180 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा मिलेगा। गुवाहाटी के लिए शहरी बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण परियोजना में शामिल गतिविधियों में जल निकायों को आपस में जोड़ने के संरचनात्मक उपायों से लेकर जल प्रबंधन, बाढ़ सुरक्षा दीवार का निर्माण, प्रकृति-आधारित समाधानों (एनबीएस) का उपयोग करके कटाव नियंत्रण और मृदा स्थिरीकरण आदि के साथ-साथ बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली और डेटा अधिग्रहण प्रणाली और क्षमता निर्माण आदि जैसे गैर-संरचनात्मक उपाय शामिल हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने सात महानगरों - चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे - के लिए 3075.65 करोड़ रुपये के कुल व्यय वाले शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रमों को मंजूरी दी थी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने भूस्खलन (1000 करोड़ रुपये), जीएलओएफ (150 करोड़ रुपये), वनाग्नि (818.92 करोड़ रुपये), बिजली (186.78 करोड़ रुपये) और सूखे (2022.16 करोड़ रुपये) के क्षेत्रों में कई खतरों के जोखिम को कम करने के लिए कई शमन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है।
उच्च स्तरीय समिति ने असम सरकार को 1270.788 करोड़ रुपये और केरल राज्य को 260.56 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को भी मंजूरी दी है ताकि क्रमशः 2022 की बाढ़ और भूस्खलन घटना और 2024 के वायनाड भूस्खलन के बाद दोनों राज्यों में पुनर्निर्माण गतिविधियों और योजनाओं के लिए सुधार किया जा सके। ये सहायता क्रमशः असम और केरल राज्यों को 2022 में बाढ़ , भूस्खलन और 2024 में वायनाड भूस्खलन के दौरान हुई क्षति और विनाश के बाद पुनर्निमाण गतिविधियों में मदद करेंगी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने जोशीमठ में आपदा के बाद उत्तराखंड के लिए 1658.17 करोड़ रुपये, 2023 की घटना के बाद सिक्किम के लिए 555.27 करोड़ रुपये और 2023 की बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने की घटना के बाद हिमाचल प्रदेश के लिए 2006.40 करोड़ रुपये की पुनर्निर्माण योजनाओं को मंजूरी दी थी।
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