दौसा , अक्टूबर 17 -- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आत्मनिर्भर भारत के विचार को केवल एक नारा नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन बताते हुए कहा है कि यह देश की आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी स्वतंत्रता की नींव को सुदृढ़ करता है।
श्री शेखावत शुक्रवार को आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के तहत दौसा विधानसभा क्षेत्र के विधानसभा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। उन्होंने देश की आत्मनिर्भरता के संकल्प को सशक्त बनाने और स्वदेशी विचार को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे देश में असीमित प्रतिभा, संसाधन और परंपरागत ज्ञान मौजूद है। यदि हम अपने स्थानीय कारीगरों, छोटे उद्योगों और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें तो भारत आत्मनिर्भर बनने के साथ एक सशक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में भी उभरेगा।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आयात पर निर्भरता भी घटेगी। जब स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता और पहचान बढ़ेगी, तब राष्ट का गौरव भी सुदृढ़ होगा।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का अर्थ है कि देश अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं करें और विदेशी निर्भरता को कम करें। घरेलू उत्पादन और व्यापार को प्रोत्साहन देने से मुद्रा का संरक्षण होगा। उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास आत्मनिर्भर भारत का मूल स्तंभ हैं। किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसानों की आय बढ़ाने, आधुनिक तकनीक अपनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के प्रयासों से गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इससे पलायन रुकेगा और ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता साकार होगी।
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