सुकमा , दिसंबर 09 -- छत्तीसगढ़ में जिला पंचायत सुकमा प्रशासन ने आठ पंचायत सचिवों को साप्ताहिक समीक्षा बैठक में बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने पर कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
आठ दिसंबर को आयोजित इस बैठक में शासकीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जानी थी, लेकिन सचिवों की अनुपस्थिति के कारण कार्यक्रम की संपूर्ण समीक्षा प्रभावित हुई। मामले को गंभीर लापरवाही मानते हुए कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देश पर जिला पंचायत के सीईओ मुकुंद ठाकुर ने नोटिस जारी करते हुए वेतन कटौती के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि समीक्षा बैठक से अनुपस्थित रहना उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना है और यह आचरण छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के धारा 3(1)(एक)(दो) का उल्लंघन है। अधिकारियों ने इसे पदीय दायित्वों के प्रति उदासीनता करार देते हुए संबंधित सचिवों से तीन दिनों के भीतर सुकमा जिला पंचायत कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा है।
साथ ही स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि दिए गए समय में स्पष्टीकरण नहीं दिया गया या संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 की धारा 4 के तहत निलंबन की एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
जिन पंचायत सचिवों को नोटिस जारी किया गया है उनमें सोमड़ाराम मुचाकी (ग्राम पंचायत कुन्ना), मोहन राव कर्मा (ग्राम पंचायत गादीरास), जितेंद्र कुमार निर्मलकर (ग्राम पंचायत मोरपल्ली), जी. लक्ष्मी (ग्राम पंचायत बंडा), मड़कम सुकड़ा (ग्राम पंचायत बगड़ेगुड़ा, अतिरिक्त प्रभार चिन्तलनार/गोगुंडा), बोड्डी गंगा (ग्राम पंचायत केरलापेंदा), सोड़ी भीमा (ग्राम पंचायत मिलमपल्ली) और हेमाराम ध्रुव (ग्राम पंचायत गंगलेर) शामिल हैं।
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