पटना, सितंबर 30 -- आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र भारत निर्वाचन आयोग की ओर से मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

इस बैठक की अध्यक्षता वरीय उप- निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग ने की, जिसमें आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, राज्य पुलिस के नोडल पदाधिकारी कुंदन कृण्णन समेत सभी प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला निर्वाचन पदाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक शामिल हुये।

बैठक के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की व्यापक समीक्षा की गई। आयोग के अधिकारियों ने चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी पहलुओं जैसे प्रशिक्षण योजना, कानून- व्यवस्था, मतदान केंद्रों की व्यवस्था, वल्नरेबिलिटी मैपिंग, एसवीईईपी गतिविधियाँ, वोटर टर्नआउट का विश्लेषण, एक्शन प्लान, निर्वाचक सूची की स्थिति और ईवीएम- वीवीपैट की उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा की।

बैठक में विशेष रूप से ज़मीनी स्तर की चुनौतियों की पहचान कर उनके समाधान के लिये व्यवहारिक और नवाचार आधारित रणनीतियों के निर्माण पर बल दिया गया। निर्वाचन आयोग ने सभी ज़िला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्दिष्ट किया कि वे चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिये सभी आवश्यक कदम उठायें।

बैठक में शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिये पुलिस अधीक्षकों को अर्धसैनिक बलों की प्रभावी तैनाती, आर्म्स रिकवरी, पूर्व चुनावों से संबंधित मामलों की समीक्षा और संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगरानी के निर्देश दिये गये। साथ ही अंतरराज्यीय सीमाओं और चेक पोस्टों की चौकसी को सुदृढ़ करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में पोलिंग स्टेशन प्रबंधन के तहत दिव्यांग मतदान केंद्र, महिला कर्मियों की ओर से संचालित बूथों की तैयारी और शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावी व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। पोलिंग पार्टियों की डिस्पैचिंग स्थिति और मतदान कार्मिकों के प्रशिक्षण की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

85 वर्ष से अधिक आयु वाले और दिव्यांग मतदाताओं के लिये पोस्टल बैलेट की सुविधा को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने और उसकी सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की रोकथाम के लिये एक मजबूत मैकेनिज्म तैयार करने और मीडिया मॉनिटरिंग और सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये भी स्पष्ट दिशा- निर्देश जारी किये गये हैं।

निर्वाचन आयोग की ओर से बीते छह माह में पारदर्शिता और सहभागिता बढ़ाने की दिशा में कई नवाचार किये गये हैं, जैसे मतदान केंद्रों पर मोबाइल रखने की सुरक्षित व्यवस्था, राजनीतिक दलों को 100 मीटर की दूरी पर अनौपचारिक बूथ की अनुमति और मतगणना दिवस पर पोस्टल बैलेट की गिनती को प्राथमिकता देना। इन सभी नवाचारों को आगामी विधानसभा चुनाव में प्रभावी रूप से लागू किया जायेगा।

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