हैदराबाद , नवंबर 13 -- भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) ने गुरुवार को भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 के लिए एक पूर्वावलोकन कार्यक्रम आयोजित किया। आईआईएसएफ का आयोजन छह से नौ दिसंबर तक चंडीगढ़ में किया जाएगा।

पूर्वावलोकन कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन से निपटने, तटीय तैयारियों में सुधार लाने और देश की नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महासागर विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला गया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त सुनामी आयोग के अध्यक्ष और होक्काइडो विश्वविद्यालय के मानद प्राप्त प्रोफेसर प्रोफेसर युइचिरो तानियोका शामिल हुए और उन्होंने वैज्ञानिक क्षमता में भारत की तीव्र प्रगति की प्रशंसा की।

उन्होंने आईएनसीओआईएस द्वारा संचालित भारतीय सुनामी चेतावनी केंद्र को विश्व की सबसे उन्नत एवं विश्वसनीय चेतावनी प्रणालियों में से एक कहा, जो अंतर्राष्ट्रीय संरचना के अंतर्गत कई हिंद महासागर देशों को वास्तविक समय पर अलर्ट प्रदान करता है।

आईएनसीओआईएस के निदेशक डॉ. टी एम. बालकृष्णन नायर ने कहा कि महोत्सव का विषय, "विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत", राष्ट्रीय विकास एवं आत्मनिर्भरता के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने के आईएनसीओआईएस के मिशन के साथ संरेखित है। उन्होंने कहा कि आईएनसीओआईएस की पहल तटीय समुदायों की सुरक्षा एवं मत्स्य पालन, शिपिंग एवं अपतटीय ऊर्जा जैसे समुद्री क्षेत्रों का समर्थन करने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा रही है।

आईआईएसएफ-2025 के मुख्य आयोजक सूर्यचंद्र राव ने आगामी महोत्सव का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होने कहा कि इसमें वैज्ञानिक प्रदर्शनियां, विषयगत सत्र, नवाचार प्रदर्शन, छात्र-वैज्ञानिक संवाद और लोगों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आउटरीच कार्यक्रम शामिल होंगे। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सलाहकार और आईआईएसएफ-2025 के मुख्य समन्वयक जगवीर सिंह और विज्ञान भारती के नरेश चाफेकर ने कहा कि यह महोत्सव पूरे देश के शोधकर्ताओं, नवप्रवर्तकों, उद्योग विशेषज्ञों एवं विज्ञान संचारकों को एक मंच पर लाएगा।

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