विजयवाड़ा , नवंबर 10 -- आंध्र प्रदेश सरकार ने चक्रवात मोन्था से कुल 6,384 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है और केंद्र से 901.4 करोड़ रुपये की तत्काल अंतरिम सहायता की मांग की है।
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पासुमीबासु और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के निदेशक डॉ. के. पोन्नुस्वामी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय केंद्रीय टीम चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सोमवार को यहां पहुंची। टीम ने आज सबसे पहले अमरावती स्थित सचिवालय का दौरा किया जहां आरटीजीएस कार्यालय में अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) जी. जयलक्ष्मी और आरटीजीएस के सीईओ तथा आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने नुकसान की सीमा पर एक विस्तृत पावरपॉइंट प्रस्तुति दी।
अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण 24 जिलों में भारी नुकसान हुआ। कृषि क्षेत्र में, कटाई के लिए तैयार फसलें जलमग्न हो गईं, जिससे किसानों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई तथा 1.61 लाख एकड़ से ज़्यादा ज़मीन पर खड़ी धान, कपास, मूंग और मक्का जैसी फसलें बर्बाद हो गईं।वहीं 6,250 हेक्टेयर से ज़्यादा की बागवानी फ़सलें और 17.72 हेक्टेयर में फैले शहतूत के बागान भी प्रभावित हुए। मत्स्य पालन क्षेत्र में, 3,063 हेक्टेयर में फैले मछली तालाब नष्ट हो गए। चक्रवात ने 4,566 घरों और 1,853 स्कूलों को भी नुकसान पहुंचाया। सड़क एवं भवन विभाग के अंतर्गत 4,794 किलोमीटर सड़कें और 311 पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुए। सिंचाई विभाग ने 3,437 लघु और 2,417 बड़ी एवं मध्यम सिंचाई संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की सूचना दी। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण 58 शहरी स्थानीय निकाय भी बुरी तरह प्रभावित हुए।
अधिकारियों ने केंद्र सरकार से 901.4 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता देने का अनुरोध किया। उन्होंने जोर दिया कि प्रभावित परिवारों को इस गंभीर आपदा से उबरने में मदद करने के लिए पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों हेतु केंद्रीय सहायता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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