नयी दिल्ली , अक्टूबर 01 -- वित्तीय खुफिया इकाई ने अवैध रूप से देश में क्रिप्टो सेवा देने वाली 25 विदेशी कंपनियों को धनशोधन कानून के तहत नोटिस जारी किया है।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के निदेशक ने इन कंपनियों को नोटिस भेजकर उनसे भारत में उनके ऐप और वेबसाइट तक पहुंच बंद करने के लिए भी कहा है। ये सभी ऐसी कंपनियां हैं, जिन्होंने देश में क्रिप्टो कारोबार शुरू करने के लिए एफआईयू के पास पंजीकरण नहीं कराया है।

इन कंपनियों में सबसे अधिक छह हांगकांग की हैं। इनके नाम क्वाइनकोला, एचआईटी बीटीसी, लोकलक्वाइनस्वैप, फेमेक्स, चेंजली और क्वाइनेक्स हैं। इसके बाद, सिंगापुर की तीन कंपनियों क्वाइनडब्ल्यू, रेमिटानो और बायट्रू के नाम इसमें शामिल हैं। सिसिल्स की बिटमेक्स और प्रोबिट ग्लोबल, अमेरिका की पैक्सफुल और पोलोनिक्स और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स की एलबैंक और बिंगएक्स को भी नोटिस जारी किये गये हैं।

अन्य कंपनियों में कंबोडिया की हुईवन, कुराकाओ की बीसी.गेम, स्विटजरलैंड की यूहोल्डर, सैंट लूसिया की प्राइमएक्सबीटी, ब्रिटेन की बीटीसीसी, लिक्टेस्टेन की एलसीएक्स और केमैन आइलैंड्स की जूमेक्स को भी नोटिस दिया गया है। लिथुआनिया तथा ब्रिटिन वर्जिन आइलैंड्स दोनों जगह से ऑपरेट करने वाली बीटीएसई, और अमेरिका तथा ब्रिटेन दोनों जगह से ऑपरेट करने वाली सीईएक्स.आईओ के नाम भी इन 25 कंपनियों में शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में क्रिप्टो सेवा प्रदान करने के लिए 50 कंपनियों ने पंजीकरण कराये हैं। हालांकि कई कंपनियां बिना पंजीकरण के भी बाजार में प्रवेश करती हैं और एफआईयू समय-समय पर उन पर कार्रवाई करता है।

क्रिप्टो सेवा प्रदाताओं को मार्च 2023 में धनशोधन कानून के दायरे में लाया गया था। इसमें देश में अपनी गतिविधियों का संचालन करने वाली सभी कंपनियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, भले ही भारत में कंपनी का कार्यालय न हो।

मंत्रालय ने सावधान किया है कि क्रिप्टो उत्पाद काफी जोखिम भरे हो सकते हैं। संभव है कि इन प्लेटफॉर्मों पर होने वाले लेनदेन में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कोई उपाय न हो।

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