मुंबई, सितंबर 26 -- बाजार अध्ययन एवं साख निर्धारक एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका द्वारा ब्रांडेड और पेटेंट प्राप्त दवाइयों पर शत-प्रतिशत आयात शुल्क का भारतीय कंपनियों पर अधिक असर नहीं होगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की थी कि 01 अक्टूबर से सभी ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाइयों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जायेगा। हालांकि अमेरिका में पहले से विनिर्माण करने वाली या विनिर्माण संयंत्र लगा रही कंपनियों को इससे छूट दी गयी है। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने एक बयान में कहा कि भारतीय फार्मा सेक्टर के राजस्व में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी अमेरिका को होने वाले निर्यात की है। उसमें भी अधिकतर जेनरिक और बिना पेटेंट वाली दवाइयां हैं जो नये आयात शुल्क के दायरे में नहीं आती हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ घरेलू दवा कंपनियों का अच्छा कारोबार अमेरिका के ब्रांडेड और पेटेंटेड दवा बाजार में है, लेकिन उनके राजस्व में उन दवाओं का योगदान बहुत अधिक भी नहीं है।
श्री सेठी ने कहा कि दवाइयां अपरिहार्य वस्तुओं की श्रेणी में आती हैं, इसलिए आयात शुल्क का अधिकांश बोझ कंपनियां ग्राहकों पर डाल देंगी। साथ ही कुछ कंपनियों के अमेरिका में विनिर्माण संयंत्र भी हैं जिन्हें आयात शुल्क नहीं चुकाना होगा।
उन्होंने कहा कि इन कारकों को देखते हुए भारतीय कंपनियों पर ज्यादा असर नहीं होगा।
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