मुंबई , अक्टूबर 27 -- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मुंबई में 'भारत समुद्री सप्ताह 2025' के चौथे आयोजन का उद्घाटन किया।
श्री शाह ने इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और भारत के समुद्री विरासत पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंंने मैरीटाइम विज़न 2030 रोडमैप के माध्यम से भारत को एक अग्रणी वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने के सरकार के दृष्टिकोण की भी विस्तार से चर्चा की।
गृह मंत्री ने बताया कि भारत 2030 तक देश की समग्र माल ढुलाई क्षमता को 10,000 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ाने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर गहरे पानी के बंदरगाहों की एक श्रृंखला का निर्माण कर रहा है। साथ ही सरकार बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, तटीय नौवहन को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से समुद्री व्यापार को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
श्री शाह ने भारत की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति को बेहतर बताते हुए कहा कि देश 'भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर' और 'उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर' सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों के चौराहे पर स्थित है। यह बेहतरी भारत को प्रमुख वैश्विक समुद्री शक्तियों में शामिल होने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को प्राप्त करने का लक्ष्य मैरीटाइम विज़न 2030 के तहत निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विजन में तकनीकी नवाचार, सतत प्रथाओं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को एकीकृत करने पर जोर दिया गया है।
मंत्री ने निर्माणाधीन बंदरगाह वधावन के बारे में बात करते हुए कहा कि जब यह बंदरगाह पूरी तरह चालू हो जाएगा तो क्षमता और पैमाने के मामले में दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों में गिना जाएगा।
भारत समुद्री सप्ताह 2025 में ग्यारह देशों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए हैं। आयोजकों को उम्मीद है कि 85 से अधिक देशों के 500 प्रदर्शकों और 350 वक्ताओं सहित एक लाख से अधिक प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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