श्रीनगर , अक्टूबर 18 -- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद वह जन सुरक्षा कानून लागू करेंगे।

श्री ओवैसी ने कहा कि 1978 से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में आए सभी मुख्यमंत्रियों के पास इस कानून को निरस्त करने की शक्ति थी, लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।

गौरतलब है कि श्री अब्दुल्ला ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद मेरी सरकार जन सुरक्षा कानून को खत्म कर देगी और मैं इसके लिए विधानसभा सत्र का इंतजार नहीं करूंगा बल्कि अध्यादेश के जरिए इस कानून को निरस्त करूंगा।

इस बयान पर टिप्पणी करते हुए श्री ओवैसी ने कहा कि तस्करी को नियंत्रित करने के लिए शेख अब्दुल्ला ने 1978 में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम लागू किया था और उसके बाद आए हर मुख्यमंत्री - फारूक अब्दुल्ला, गुलाम मुहम्मद शाह, मुफ्ती मुहम्मद सईद, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती - को इसे निरस्त करने का अवसर मिला था लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित