जिनेवा, सितंबर 25 -- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2024 में 1.4 अरब लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे और पांच में से केवल एक व्यक्ति ही इसे दवा के माध्यम से या अन्य तरीकों से नियंत्रित कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने गुरूवार को जारी दूसरी उच्च रक्त चाप संबंधी नयी रिपोर्ट को 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज और रिज़ॉल्व टू सेव लाइव्स द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में जारी किया गया। इसमें कहा गया कि कि केवल 28 प्रतिशत निम्न आय वाले देशों में डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित सभी उच्च रक्तचाप की दवाइयां आमतौर पर फार्मेसियों या प्राथमिक देखभाल सुविधाओं में उपलब्ध हैं।
उच्च रक्तचाप हृदयाघात, मस्तिकाघात, गुर्दाें की लंबी समय से चली आ रही बीमारियों और स्मृति लोप का एक प्रमुख कारण है। इसकी रोकथाम एवं उपचार दोनों संभव है लेकिन तत्काल रोकथाम के बिना लाखों लोग असमय मर जाते हैं और देशों को बढ़ते आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। अनुमान है कि 2011 से 2025 तक हृदय संबंधी बीमारियों से निम्न और मध्यम आय वाले देशों को लगभग 3.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है जो उनके संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद के लगभग दो प्रतिशत के बराबर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, "हर घंटे उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिकाघात और दिल का दौरे से 1000 से अधिक लोगों की मौत होती है और इनमें से अधिकांश मौतों को रोका जा सकता है। देशों के पास इस स्थिति को बदलने के लिए साधन मौजूद हैं। राजनीतिक इच्छाशक्ति, निरंतर निवेश और स्वास्थ्य सेवाओं में उच्च रक्तचाप नियंत्रण को शामिल करने के लिए सुधारों के साथ, हम लाखों लोगों की जान बचा सकते हैं और सभी के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित कर सकते हैं।"ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज़ पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम की प्रमुख डॉ. केली हेनिंग ने कहा, "अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से हर साल एक करोड़ से ज़्यादा लोगों की जान जाती है जबकि इसे रोका और इलाज किया जा सकता है। जिन देशों ने उच्च रक्तचाप की देखभाल को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और प्राथमिक देखभाल में शामिल किया है, वे वास्तविक प्रगति कर रहे हैं लेकिन बहुत से निम्न और मध्यम आय वाले देश अभी भी पीछे हैं। जागरूकता बढ़ाने और उपचार तक पहुंच का विस्तार करने वाली मजबूत नीतियां हृदय रोग और रोकी जा सकने वाली मौतों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।"195 देशों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनमें से 99 देशों में उच्च रक्तचाप नियंत्रण की राष्ट्रीय दर 20 प्रतिशत से कम है। प्रभावित लोगों में से अधिकांश निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं जहां स्वास्थ्य प्रणालियों को संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है।
रक्तचाप की दवाएं सबसे किफ़ायती सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरणों में से एक हैं। फिर भी 25 में से केवल सात (28 प्रतिशत) निम्न-आय वाले देश में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित सभी दवाओं की सामान्य उपलब्धता है, जबकि उच्च-आय वाले देशों में यह संख्या 93 प्रतिशत है। रिपोर्ट में बेहतर विनियामक प्रणालियों, मूल्य निर्धारण एवं प्रतिपूर्ति, खरीद एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन तथा इन दवाओं के बेहतर नुस्खे और वितरण के माध्यम से उच्च रक्तचाप की दवाओं तक पहुंच में सुधार के लिए बाधाओं और रणनीतियों का पता लगाया गया है।
रेज़ोल्व टू सेव लाइव्स के अध्यक्ष और सीईओ डॉ. टॉम फ्रीडेन ने कहा, "रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षित, प्रभावी, कम लागत वाली दवाइयां उपलब्ध हैं लेकिन बहुत से लोग उन्हें प्राप्त नहीं कर पाते। इस अंतर को समाप्त करने से लाखों लोगों की जानें बचेंगी और हर साल अरबों डॉलर की बचत होगी।"रिपोर्ट के अनुसार बाधाओं के बावजूद प्रगति संभव है और बंगलादेश, फिलीपींस तथा कोरिया गणराज्य ने उच्च रक्तचाप देखभाल को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) में शामिल और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश कर महत्वपूर्ण प्रगति की है।
बंगलादेश ने 2019-2025 के बीच कुछ क्षेत्रों में उच्च रक्तचाप नियंत्रण को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत किया है। फिलीपींस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के हर्ट्स तकनीकी पैकेज को देश भर में सामुदायिक स्तर की सेवाओं में प्रभावी रूप से शामिल किया है।
कोरिया गणराज्य ने स्वास्थ्य सुधारों को एकीकृत किया है जिसमें उच्च रक्तचाप रोधी दवाओं की कम लागत और रोगी शुल्क को सीमित करना शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर रक्तचाप नियंत्रण की दर अधिक हो गयी है।
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