मुंबई , नवंबर 07 -- कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ ही विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर सैकड़ों करोड़ रुपए की जमीन कौड़ी के दाम पुत्र की कंपनी को देने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।

श्री गांधी ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि 1,800 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन, जो दलितों के लिए आरक्षित थी, मंत्री के बेटे की कंपनी को मात्र 300 करोड़ रुपये में बेच दी। उन्होंने कहा कि भूमि खरीद पर स्टॉम्प ड्यूटी में भी छूट दी गई। उन्होंने भाजपा सरकार को दलित विरोधी बताते हुए इसे 'भूमि चोरी' की घटना करार दिया है।

महा विकास अघाड़ी के घटक दलों ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को बर्खास्त करने की मांग की और कहा कि उनके पुत्र कथित मुंडवा-कोरेगांव पार्क घोटाले में शामिल थे।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की नेता सुषमा अंधारे ने महाराष्ट्र के राजस्व विभाग और पुलिस पर उपमुख्यमंत्री के बेटे को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंत्री के भाई के बेटे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है लेकिन मंत्री के बेटे को छोड़ दिया गया है।

शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के एमएलसी एकनाथ खडसे ने इस घोटाले की जांच पूरी होने तक अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है। विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता खडसे ने कहा, "अजित पवार के बेटे का नाम लिया गया है। मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए है। ऐसी परिस्थितियों में, यह उचित है कि जांच टीम रिपोर्ट सौंपने तक अजीत पवार सरकार से बाहर रहें।"प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्द्धन सपकाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे की कंपनी शराब बनाती है। अपने बेटे की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने पहले भी कई फैसले लिए हैं और इसी मकसद को पूरा करने के उद्देश्य से उन्होंने उत्पाद शुल्क विभाग भी अपने पास रखा है। उनका एक बेटा शराब कंपनी का मालिक है।

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