लखनऊ , नवम्बर 06 -- उत्तर प्रदेश में परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि अब प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की खरीद पर पंजीकरण शुल्क एवं रोड टैक्स में अक्टूबर 2027 तक शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।

परिवहन मंत्री ने बताया कि जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 लागू की थी, जिसे 14 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित किया गया। इस नीति का लक्ष्य है कि प्रदेश में स्वच्छ, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए।

दयाशंकर सिंह कहा कि हाल ही में उच्च स्तरीय प्राधिकृत इलेक्ट्रिक समिति की बैठक में इस नीति में संशोधन किया गया है। संशोधन के तहत नीति के चौथे एवं पांचवें वर्ष के लिए यह प्रावधान किया गया है कि प्रदेश में खरीदे और पंजीकृत सभी शुद्ध विद्युत (इलेक्ट्रिक) वाहनों पर पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि 5 नवम्बर 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, 14 अक्टूबर 2025 से 13 अक्टूबर 2027 के बीच खरीदे गए शुद्ध विद्युत वाहनों को यह छूट प्राप्त होगी। इस अवधि में पंजीकृत दोपहिया, तीनपहिया, चारपहिया वाहन, ई-बस तथा ई-गुड्स कैरियर पर कोई रोड टैक्स अथवा पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा।

इसी के साथ, नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि एग्रीगेटर अथवा फ्लिट ऑपरेटर ग्राहकों को दो, तीन या चार पहिया वाहनों के अधिकतम 10 यूनिट तथा ई-बस अथवा ई-गुड्स कैरियर के अधिकतम 25 यूनिट तक की खरीद पर सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।

परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करें, जिससे प्रदूषण में कमी आए और ईंधन आयात पर निर्भरता घटे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जीवाश्म ईंधन की उपलब्धता घटने के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन ही परिवहन का मुख्य आधार बनेंगे।

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