नई दिल्ली, मई 20 -- ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। कहीं-कहीं महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, तो कहीं -कहीं सिर्फ वृक्ष की पूजा की जाती है। इस बार अमावस्या तिथि 26 मई से शुरू हो रही है, इसलिए इस दिन ही वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। कहा जाता है कि जिस तरह वट वृक्ष को अमरता और दीर्घायु का प्रतीक माना जाती है, उसी तरह उनके पति की आयु भी लंबी हो। आपको बता दें कि इस दिन सावित्री ने इसी वृक्ष के नीचे अपने पति के प्राण यमराज से वापस लिए थे। इस व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र की मंगल कामना करती हैं।किन चीजों के बिना अधूरा है वट सावित्रि व्रत वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए कच्चा सूत जरूर चाहिए। इसे सात बार परिक्रमा करते हुए बांधना है और फिर इसी धागे को गले में धारण करना है। इसके ...