नई दिल्ली, सितम्बर 12 -- पितृ पक्ष अमावस्या पर विधि-विधान से तर्पण किया जाता है। परिवार के वरिष्ठ जन अपने पूर्वजों को जल देकर उन्हें तृप्त किया। इस अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है। जिन पूर्वजों के निधन की तिथि का पता नहीं होता उनके लिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही श्राद्ध किया जाता है। एक तरह से ये पितरों को विदा देने का दिन है, इस दिन पितृपक्ष का आखिरी दिन होता है, इसलिए पितरों को विदा दी जाती है। इस दिन ऐसे पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है, जो संन्यासी हो गएहैं, या फिर उनके वंश के लोग कहीं दूर रहते हैं। सर्वपितृअमावस्या पर इस दिन पूर्वाफाल्गुनी और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। इस दिन इसके अलावा शुभ योग भी है। इसलिए इस दौरान किए गए दान का बहुत शुभ फल मिलेगा।कब है सर्वपितृ अमावस्या आश्विन माह की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 ...