नई दिल्ली, जून 11 -- उड़ीसा के पुरी के जगन्नाथ मंदिर में आज स्नान पूर्णिमा के मौके पर भगवान जगन्नाथ का स्नान किया जाता है। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ श्री मंदिर में भक्तों के सामने स्नान करते हैं। इसलिए इस पूर्णिमा का नाम स्नान पूर्णिमा रखा जाता है। महा स्नान, जिसे देवस्नान कहते हैं, इसके बाद भगवान बीमार हो जाते हैं। इसलिए ज्वार होने के कारण उन्हें एकांत वास या अनवसर वास में भेजा दिया जाता है। जहां बैद्य जी भी आकर उन्हें दवा देते हैं। इस दौरान मंदिर में कोई प्रवेशनहीं कर सकता है। मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। कुछ ही सेवक और वैद्य भगवान की सेवा करते हैं। इस दौरान भगवान जगन्नाथ को श्वेत सूती वस्त्र पहनाए जाते हैं, आभूषण हटा दिए जाते हैं और आहार में केवल फल, जूस और दलिया और जड़ी बूटी दी जाती हैं। इसके बाद उनके ल...