नई दिल्ली, जुलाई 7 -- भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में गुरु पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व माना गया है। पंचांग की मानें तो गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन महर्षि व्यास जी का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास ने वेदों का संकलन और महाभारत की रचना की थी। इस दिन गुरु की पूजा करने से जीवन में ज्ञान और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रद्धालु अपने गुरु के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गुरु शिष्य को सही दिशा दिखाने वाले, अज्ञानता का नाश करने वाले और ज्ञान की रोशनी फैलाने वाले होते हैं। इस दिन हम सभी को अपने गुरु का सम्मान करते हुए उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन लोग सोशल मीड...