नई दिल्ली, जुलाई 2 -- आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहते हैं। यह दिन अपने गुरु के के प्रति सम्मान और कृतज्ञता जाहिर करने के लिए जाना जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जाएगी। आपको बता दें कि गुरु पूर्णिमा के दिन वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इसी वजह से इसे व्यास पूर्णिमा का नाम भी दिया गया है। गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु का आभार व्यक्त करते हैं, क्योंकि वह उनको अंधकार रुपी ज्ञान से उजाले की तरफ ले जाते हैं। शिष्य अपने गुरु के चरणों में शीश झुकाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। स्नान और दान के लिए यह उत्तम तिथि है। गुरु पूर्णिमा पर बृहस्पति को मजबूत करने के लिए क्या उपाय करें जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पतिकमजोर हों, तो उन्हें इस दिन विशेष उपाय करने चाहिए। इस द...