नई दिल्ली, जून 19 -- चातुर्मास आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की एकादशी से शुरू होता है और कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी तक रहता है। आषाढ़ एकादशी, जिसे देवशयनी एकादशी कहते हैं के दिन भगवान विष्णु निंद्रा में चले जाते हैं और चार महीने बाद दे‌वउठनी एकादशी के दिन निंद्रा से जागते हैं। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरूआत होती है। इस दौरान सभी शुभ कार्य बंद जाते हैं। कुछ लोग इन चार महीने व्रत, जप और तप करते हैं। यहां हम कुछ बातों के बारे में बता रहे हैं, जिसके अनुसाप चातुर्मास में किन इन चीजों का त्याग करना चाहिए। स्त्री हो या पुरुष जो भगवान की भक्ति करता है उसे चार महीनों तक इन चीजों का त्याग करने से बहुत फल मिलता है। चातुर्मास यह भी पढ़ें- कब से शुरू है चातुर्मास? चार माह तक शुभ कार्यों पर लगेगा विराम यानी पूरे चार महीने में उड़द ओर चने का सेवन नहीं कर...