रिषिकेष, जून 3 -- भारतीय ग्रामोत्थान संस्था ने दो दिवसीय हस्तनिर्मित उत्पाद डिजाइन कार्यशाला आयोजित की। जिसमें 30 से अधिक हस्तशिल्पियों ने डिजाइनिंग के गुर सीखे। मंगलवार को ढालवाला स्थित भारतीय ग्रामोत्थान संस्था में आयोजित दो दिवसीय हस्तनिर्मित उत्पाद डिजाइन कार्यशाला के दूसरे दिन का शुभारंभ नाबार्ड के उपमहाप्रबंधक रविदास ने किया। डिजाइनर सोनल चौहान ने हस्तशिल्पियों को भीमल, कंडाली और जूट के उत्पादों को आर्कषक बनाने के लिए डिजाइन का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि उत्पादों में उत्तराखंड की पहचान अवश्य होनी चाहिए, जिनको हम डिजाइन के माध्यम से प्रदर्शित कर सकते है। उत्तराखंड से जुड़े डिजाइन पर्यटकों को लुभाते हैं और वो ऋषिकेश जैसी पवित्र देवनगरी के नाम से उत्पाद खरीदकर एक प्रतीक चिन्ह के रूप मे ले जाते हैं। इस दौरान 30 से अधिक महिलाओं ने डि...