हापुड़, दिसम्बर 30 -- सोमवार को फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत 05 दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन 25 किसानों को फसल अवशेष प्रबन्धन से सम्बन्धित जानकारी दी गई। केन्द्र पर 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 26 दिसंबर तक किया जायेगा। कार्यक्रम के पांचवे दिन प्रभारी अधिकारी, डा0 अरविन्द कुमार ने पादप सुरक्षा का फसल अवशेष प्रबंधन में क्या महत्व है पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पादप सुरक्षा का फसल अवशेष प्रबंधन में बहुत महत्व है क्योंकि यह मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारता है, मृदा अपरदन रोकता है, पानी के रिसाव को बढ़ाता है, मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करता है, प्रदूषण कम करता है, और पोषक तत्वों को लौटाता है, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटती है और खेती लागत कम होती है, जो टिकाऊ कृषि के लिए जरूरी है। मृदा विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक सिं...