जमुई, मार्च 7 -- 23 साल में नाजिल हुआ किताब कुरआन-ए-पाक 23 साल में नाजिल हुआ किताब कुरआन-ए-पाक फोटो झ्र परिचय - मौलाना अयूब अंसारी की तस्वीर जमुई, निज संवाददाता मौलाना अयूब अंसारी ने कुरआन की सूरह अल बकरा की आयत 185 की जानकारी दी। मौलाना ने बताया कि अल्लाह पाक ने इस आयत में रमजान के महीने की दो विशेष महानता को बयान किया है। (1) कुराने करीम जो मनुष्य की हिदायत और मार्गदर्शन के लिए है, उसे एक साथ रमजान की शबे कद्र में लोहे महफूज से आसमाने दुनिया की तरफ उतारा गया और वह बैतूल इज्जत में रहा, जो इसी आसमान पर एक जगह है, जहां से थोड़ा-थोड़ा जरूरत और हिकमत के मुताबिक जिब्रील अलैहिस्सलाम कुरान को नबी अलैहिस्सलाम के पास लाते रहे और इस तरह पूरा कुरान 23 सालों में नाजिल हुआ। रमजान महीने की दूसरी विशेषता यह है कि इसको रोजा जैसी इबादत के लिए चुना गया। इस ...
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