नई दिल्ली, नवम्बर 27 -- हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बेहद पवित्र पर्व माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक जब सूर्य देव बारह राशियों की यात्रा करते हुए मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे सरकात, लोहड़ी, टहरी और पोंगल जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। जैसे ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, वैसे ही उनका उत्तरायण शुरू होता है। माना जाता है कि यही वह समय है जब देवताओं का दिन और दानवों की रात शुरू होती है। खरमास खत्म होता है और इसके साथ ही माघ माह शुरू हो जाता है, जिसमें सभी शुभ और मांगलिक काम दोबारा शुरू किए जा सकते हैं।इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल के साथ लाल फूल, वस्त्र, गेहूं, अक्षत (चावल) और सुपारी चढ़ाने की परंपरा ह...