गिरडीह, जुलाई 1 -- गिरिडीह, प्रतिनिधि। झामुमो जिला कार्यालय में सोमवार को हुल दिवस मनी। जिसकी अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि हूल दिवस मनाने की परंपरा 1855 से शुरू हुई थी। दुमका के भोगनाडीह में सिदो, कान्हो और चांद भैरव के नेतृत्व में इसकी शुरुआत हुई। दरअसल यह आंदोलन शुरूआत में शोषक महाजनों के खिलाफ था, जो बाद में क्रूर पुलिसिया दमन के बाद ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांति में बदल गया। इस क्रांति में 20 हजार लोगों ने बलिदान दिया था। झारखंड के इन्हीं वीर सपूतों के बलिदान को हर वर्ष याद कर 30 जून को हूल दिवस मनाकर नमन किया जाता है। इसे संथाल हूल भी कहते है। कार्यक्रम में प्रमिला मेहरा, राकेश सिंह रॉकी, मो॰ जाकिर, कृष्ण मुरारी शर्मा, अभय सिंह, राकेश रंजन, मो॰ तूफ़ान, राकेश कुमार सिंह (तुन्ना), मो॰ डब्लू, ब्रजमोहन तुरी, आनंद मिश्र...
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